Damoh News - दमोह में पीएम सूर्य घर योजना को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। अब तक 250 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने से बिजली का बिल कम आता है। तीन साल के अंदर पैनल का खर्च भी निकल आता है।
बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई बिजली बिल की समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएम सूर्य घर योजना शुरू की है, जिसका असर अब दिखाई देने लगा है। इस योजना के तहत, लोग अपने घरों पर सोलर पैनल लगवाकर बिजली बिल में राहत प्राप्त कर रहे हैं। दमोह में अब तक 250 कनेक्शन हो चुके हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रक्रिया जारी है। योजना के तहत, तीन किलोवाट या उससे अधिक के सोलर प्लांट पर 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। एक किलोवाट पर 30 हजार, दो किलोवाट पर 60 हजार और तीन किलोवाट या उससे अधिक पर 78 हजार रुपए की सब्सिडी निर्धारित की गई है।
विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री, रोहित सोलंकी ने बताया कि दिसंबर 2023 में प्रति किलोवाट 14 हजार 588 रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी, जिसे जनवरी 2024 में बढ़ाकर 18 हजार रुपए प्रति किलोवाट कर दिया गया। अब, दो किलोवाट तक के सोलर संयंत्र पर मिलने वाली सब्सिडी 36 हजार रुपए से बढ़ाकर 60 हजार रुपए कर दी गई है। इस तरह, उपभोक्ताओं को अब अधिक सब्सिडी मिल रही है, जिससे उनके बिजली बिल में महत्वपूर्ण कमी आई है।
उपभोक्ताओं को मिली राहत
पीजी कॉलेज की प्रोफेसर रश्मि जेता ने बताया कि सोलर पैनल लगवाने के बाद से उनके बिजली बिल में 25 प्रतिशत से कम की कमी आई है। प्रोफेसर कॉलोनी के वेटरनरी डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी ने कहा कि गर्मियों में 15 से 16 यूनिट और बारिश के मौसम में 7 से 8 यूनिट बिजली सौर ऊर्जा से मिल रही है, जिससे उन्हें काफी राहत मिली है। सरस्वती स्कूल के सामने रहने वाले संजय रतले ने भी सोलर पैनल लगवाने के बाद अपने बिजली बिल में कमी की बात कही। सिद्धिविनायक कालोनी निवासी नरेंद्र अठया ने बताया कि उन्होंने सोलर पैनल लगवाया है और दूसरों को भी इस योजना का लाभ लेने की सलाह दी है।
तीन साल में पैसा वसूल
सोलर कंसल्टेंट रवि गोस्वामी ने बताया कि सोलर पैनल लगवाने से बिजली बिल में कमी आती है और तीन साल में पैनल की लागत वसूल हो जाती है, क्योंकि पैनल की उम्र 25 साल होती है। वर्तमान में, बैंक के माध्यम से सोलर पैनल 20 हजार रुपए में लग रहे हैं, जिसमें 10 साल तक दो हजार रुपए की किस्त भरनी पड़ती है। 78 हजार रुपए की सब्सिडी बैंक से प्राप्त होती है, जिससे कुल लागत 1.80 लाख रुपए होती है, जिसमें उपभोक्ता को 1.20 लाख रुपए चुकाने पड़ते हैं।
साभार - अमर उजाला
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