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बंदरकोला जलाशय में दर्जनों गोवंशीय पशुओं को बेदर्दी से किया गया बंद , फसल बर्बादी से परेशान किसानों ने किया बंद

बंदरकोला जलाशय में दर्जनों गोवंशीय पशुओं को बेदर्दी से बंद कर दिया जाता है।तेज बारिश के हालात बनने पर इन पशुओं की जान भी जा सकती है। गोवंशीय पशुओं को अमानवीय यातना पर ग्राम पंचायत सचिव का कहना है कि किसानों को समझाइश दी जा रही है।

                                          


 यह बात सही है निराश्रित गोवंश से फसल बर्बाद होने से परेशान किसान परेशान है लेकिन बेजुबान गोवंशीय पशुओं को अमानवीय यातना देना गलत है। लगता है पशुओं के प्रति किसानों के मन में जरा भी दया नही रही। कुछ इस तरह की निर्दयता का मामला सामने आया जबेरा जनपद की ग्राम पंचायत मुड़ेरी में।

यहां बंदरकोला जलाशय में दर्जनों गोवंशीय पशुओं को जलाशय की ओवरफ्लो बाउंड्री वाॅल टाइप की जगह में बंद कर दिया गया है। सैकड़ोंं गोवंशीय पशुओं की हालत कुछ इस तरह है कि न वो बैठ सकते हैं और न ही चट्टानों पर ठीक से खड़े हो पाते हैं। चट्टानों से ओवरफ्लो के तेज बहाव की फिसलन पर पशु गिरते-उठते रातें काटने के लिए मजबूर हैं।

- यदि तेज बारिश हो जाती है तो ओवरफ्लो का तेज बहाव मूक गोवंशीय की मौत का कारण भी बन सकता है।

- कुछ लोगों के अनुसार किसानों को गोवंशीय पशुओं की समस्या निराकरण के लिए जो तरीका अपनाया गया है, वह गलत है ।

- इस मामले में स्थानीय प्रशासन को संज्ञान में लेना चाहिए और गोवंशीय पशुओं को दी जा रही यातनाओं को बंद करवाना चाहिये।

किसानों द्वारा आवारा मवेशियों से फसल बर्बादी की समस्या के चलते किसान गोवंशीय पशुओं को बंदर कोला जलाशय के ओवरफ्लो की बाउंड्री वाॅल के अंदर रात में बंद कर देते है और सुबह छोड़ देते हैं, हालांकि किसानों का यह तरीका ठीक नहीं है। किसानों को अनेकों बार मना किया गया है, लेकिन मानते नहीं है । मैं उन्हें समझाइश देकर इस क्रम को बंद करवाता हूं। - अंबिका साहू,ग्राम पंचायत सचिव मुड़ेरी

साभार : Nai dunia 


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