Jhansi News : वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती करते हुए वक्फ कानून में संशोधन किया जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने इस बदलाव को नामंजूर करते हुए विरोध जताया है। इसके साथ ही शहर के उलमाओं ने भी वक्फ कानून में बदलाव को मुस्लिम समुदाय का विरोधी बताया।
देश भर में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 123000 और शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 8000 हजार संपत्तियां दर्ज हैं। झांसी जिले में सुन्नी सेंट्रल के नाम 608 और शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में महज एक संपत्ति दर्ज है। इसमें ईदगाह, मस्जिदें, कब्रिस्तान और दरगाह शामिल हैं।
उलमाओं के मुताबिक, वक्फ की संपत्ति मुस्लिम बुजुर्गों द्वारा दिए गए उपहार हैं। इन पर मुस्लिम समुदाय का ही हक है। कानून में बदलाव होने पर वक्फ की जायदादों पर कब्जे बढ़ जाएंगे। इसके साथ ही मुस्लिमों की भागीदारी भी कम हो जाएगी। वक्फ की संपत्तियों पर किसी प्रकार की दखल को नामंजूर किया है।
वक्फ संपत्ति सवाब का हिस्सा होता है। जन्नत में मुकाम हासिल करने की नीयत से मुस्लिमों के पूर्वजों द्वारा दी गई संपत्ति ही वक्फ बोर्ड में दर्ज है। वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन का विरोध करता है। - मुफ्ती साबिर कासमी, सुन्नी धर्मगुरु
वक्फ की जायदादें मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा ही दी गई हैं। यह मुस्लिम समुदाय का हक है। इसमें किसी भी सरकार अथवा समुदाय का दखल नहीं है। हर हाल में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं। - मुफ्ती इमरान, अध्यक्ष दारुल कजा
वक्फ की संपत्ति मुस्लिमों की स्वयं की संपत्तियां हैं। वक्फ कानून में बदलाव मुस्लिमों की जायदादों के लिए बेहतर नहीं है। वक्फ कानून में बदलाव को लेकर देश भर में विरोध किया जा रहा है। कानून में बदलाव का विरोध करते हैं। - मौलाना शाने हैदर जैदी, शिया धर्मगुरु
वक्फ कानूनों में बदलाव की पहल की जा रही है। कानूनों में बदलाव मुस्लिमों के लिए न्याय के खिलाफ है। बदलाव का विरोध करते हुए कानूनी रास्ता अख्तियार करते हुए हक के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। - मुफ्ती आरिफ नदवी, महासचिव, जमीयत उलमा-ए-हिंद
साभार : अमर उजाला
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