Lalitpur News - राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने जनपद के नवनिर्मित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) को 50 सीटों के साथ मान्यता दे दी है। अब मेडिकल काॅलेज में प्रवेश सत्र 2024-25 में 50 सीटों पर एमबीबीएस के छात्र प्रवेश ले सकेंगे। मेडिकल कॉलेज में अब सुविधाओं में विस्तार होने के साथ ही 200 बेड की जगह 500 बेड की सुविधा हो जाएगी। मेडिकल कॉलेज शुरू होने से जनपद के अलावा सीमावर्ती मध्यप्रदेश के टीकमगढ़, अशोक नगर, चंदेरी, माथलौन के मरीजों को आपात स्थित में झांसी अथवा भोपाल नहीं जाना पड़ेगा। जानकारी मिलते ही जनपद वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
शहर के सीमावर्ती अमरपुर में करीब 268 करोड़ की लागत से वर्ष 2021 में मेडिकल काॅलेज के निर्माण का शिलान्यास किया गया था। शासन के कड़े निर्देश पर कार्यदायी संस्था ने इसका निर्माण कार्य इसी साल मार्च में पूरा कर लिया और मेडिकल काॅलेज प्रशासन ने एनएमसी के मानक अनुरूप तैयारियां शुरू कर दी थीं। अस्पताल के कक्षों में बेड व अन्य संसाधन स्थापित किए गए थे। मेडिकल काॅलेज परिसर में पुस्तकालय, कक्षों समेत अन्य सुविधाएं कराई गईं थीं। आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य व सीनियर और जूनियर रेजीडेंट की नियुक्त की थी। इसके बाद मान्यता को आवेदन किया था, लेकिन 15 आचार्यों की कमी के चलते एनएमसी ने आपत्ति लगा दी थी। प्राचार्य डॉ. डीनाथ ने रिक्त 15 पदों पर आचार्यों की नियुक्त के साथ ही 16 जुलाई को एनएमसी को मान्यता के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की। 19 जुलाई को एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ द्विजेंद्र नाथ ने वर्चुअल मीटिंग कर विचार विमर्श किया। 25 जुलाई को पुनः एनएमसी ने संसाधनों समेत अन्य जानकारी ली तो प्राचार्य ने बताया कि प्रथम वर्ष के अध्ययन अध्यापन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। प्राचार्य डॉ. द्विजेंद्र नाथ ने बताया कि 31 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय आर्युविज्ञान आयोग ने मेडिकल कॉलेज ललितपुर को एमबीबीएस के छात्रों का प्रवेश सत्र 2024-25 में करने के लिए मान्यता दे दी है। अब मेडिकल काॅलेज में सुविधाओं का विस्तार हो जाएगा। साथ ही प्रथम वर्ष के एमबीबीएस के 50 सीटों पर छात्र प्रवेश ले सकेंगे। मेडिकल कॉलेज के संचालित होने से चिकित्सकों की कमी पूरी होगी। साथ ही गंभीर रोगियों को भी उपचार की सुविधा का लाभ मिलेगा।
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एक माह में मिली मान्यता
24 जून 2024 को एनएमसी की टीम ने मान्यता के लिए निरीक्षण कर सभी विभागों में उपलब्ध चिकित्सा शिक्षकों, चिकित्सकों, मैन पावर, समेत उपकरण व सुविधाएं की रिपोर्ट राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को सौंप दी थी। 28 जून को पुनः एनएमसी के चेयरमैन व टीम ने ऑनलाइन वर्चुअल निरीक्षण के माध्यम से प्राचार्य से वार्ता की थी। इसमें मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध बेड, मरीजों की संख्या, पुस्तकालय, पुस्तकों की संख्या, माइक्रोस्कोप, सीटी स्कैन, नॉर्मल एवं सिजेरियन प्रसव की संख्या, जूनियर एवं सीनियर रेसिडेंट चिकित्सकों की संख्या, आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य की संख्या की जानकारी ली थी। प्रोफेसरों की कमी मिलने पर प्राचार्य ने एक माह में पूर्ण करने का आश्वासन दिया था। 5 जुलाई एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों की कमी के दृष्टिगत मान्यता देने से इंकार कर दिया था। प्राचार्य ने एनएमसी के लेटर आफ डिसएप्रूवल प्राप्त होने पर संविदा व नियमित नियुक्त के आधार पर चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती 10 दिनों के भीतर कर 16 जुलाई को एनएमसी को मान्यता के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की। 19 जुलाई को एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. द्विजेंद्र नाथ ने वर्चुअल मीटिंग कर विचार विमर्श किया। 25 जुलाई को पुनः एनएमसी ने संसाधनों समेत अन्य जानकारी ली।
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फैक्ट फाइल
मेडिकल कॉलेज पर एक नजर
मेडिकल कॉलेज में बेड - 500
चिकित्सा शिक्षा सीटें - 50
आचार्य - 09
सह आचार्य - 11
सहायक आचार्य - 31
सीनियर रेजीडेंट - 18
जूनियर रेजीडेंट - 40
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जनपदवासियों को ये हो जाएगी सुविधा
जनपद के अलावा सीमावर्ती मध्यप्रदेश के टीकमगढ़, अशोक नगर, चंदेरी, माथलौन के मरीजों को आपात स्थित में झांसी अथवा भोपाल जाना पड़ता था। दूरी अधिक होने के कारण कई बार मरीजों को जान तक जा चुकी है। अब जनपद में मेडिकल कॉलेज शुरू होने के साथ इसमें इंट्रीगेटिड लैब शुरू हो जाएगी जिसमें करीब 104 जांचें हो सकेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक को जनपद में मेडिकल कॉलेज की सौगात देने और राष्ट्रीय मेडिकल आयोग द्वारा सत्र 2024-25 की एलओपी दिए जाने पर आभारी हूं। उन लोगों का भी आभार जिन्होंने मेडिकल कॉलेज को शुरू करने में सहयोग किया है। मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार हो जाएगा। मरीजों को इलाज के लिए बाहरी जनपदों में नहीं जाना होगा।
- अनुराग शर्मा, सांसद, झांसी-ललितपुर
जनपद में मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से गंभीर मरीजों को अब उपचार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार होने के साथ ही जनपद के युवाओं भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए सुविधा होगी। मरीजों को सभी मर्ज का उपचार स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा, समय पर इलाज की सुविधा होगी।
- रामरतन कुशवाहा, सदर विधायक
मेडिकल काॅलेज को मान्यता मिलने से अब जनपद के छात्रों को चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई के लिए अन्य जनपदों में नहीं जाना होगा। वह अपने जनपद में ही पढ़ाई पूरी कर जनपद का नाम रोशन कर सकेंगे। इसके साथ ही जनपदवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी मिलेगा।
- अक्षय त्रिपाठी, जिलाधिकारी
जनपद में मेडिकल कॉलेज खुलने से स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने के साथ ही गंभीर मरीजों को लेकर तीमारदारों को बाहरी जनपदों में नहीं जाना पड़ेगा। 100 सीटों के सापेक्ष प्रथम वर्ष में 50 सीटों की मान्यता मिली है। पहली काउंसिलिंग 13 अगस्त को हो रही है। इसी के बाद सूची जारी होगी, जिसके अनुसार प्रवेश प्रक्रिया अगस्त के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा है।
- डॉ. डीनाथ, प्राचार्य, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, ललितपुर
साभार : अमर उजाला
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