बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों में खजूर की खेती को मिलेगा बढ़ावा, हर पेड़ से होगी 20 हजार तक की कमाई

Date Farming: उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र में खजूर की खेती को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके तहत खजूर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, किसानों को उन्नत तकनीक और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का विस्तार प्रदेश के अन्य जिलों में भी किया जाएगा। 

अनिल सिंह, बांदा: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजना तैयार की है। इस योजना की शुरुआत बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन और ललितपुर से होगी। इसके बाद इसे प्रदेश के अन्य इलाकों में विस्तार दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है।

प्रदेश सरकार का मानना है कि बुंदेलखंड की जलवायु और मिट्टी खजूर की खेती के लिए अनुकूल है। हाल ही में राजस्थान के जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की एक टीम ने इस क्षेत्र का दौरा कर मिट्टी और जलवायु का अध्ययन किया। विशेषज्ञों ने पाया कि यह क्षेत्र खजूर की खेती के लिए उपयुक्त है। शुरुआत में बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन और ललितपुर जिलों में खेती होगी। इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों, जैसे भदोही, चंदौली, आगरा और मथुरा में भी इस योजना का विस्तार किया जाएगा।

बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

योजना के तहत मिर्जापुर में खजूर की खेती के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र किसानों को उन्नत तकनीक, प्रशिक्षण और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। प्रदेश के उद्यान निदेशक डॉ. वीबी द्विवेदी ने बताया कि खजूर की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता देने पर भी विचार किया जा रहा है।

किसानों को मिलेगा कई स्तर पर लाभ

खजूर की खेती किसानों के लिए कई स्तर पर लाभकारी साबित होगी। यह फल बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है और लंबे समय तक भंडारण योग्य होता है। साथ ही खजूर के पौधों में कांटे होते हैं, जो फसलों को जानवरों से बचाते हैं। किसान खजूर के साथ खेत में सब्जियों की खेती भी कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में इजाफा होगा।

250 पौधे रोपने का लक्ष्य

इस बारे में जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश उद्यान एवं प्रसंस्करण विभाग ने बुंदेलखंड में खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान का प्रस्ताव दिया है। बांदा जिले की जलवायु खजूर पिंड की खेती के लिए एकदम उपयुक्त बताते हुए फिलहाल 250 पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हर पेड़ से 15-20 हजार रुपये सालाना आमदनी बताते हुए कहा गया है कि पिंड खजूर के टिश्यू कल्चर पौधे किसानों को स्वयं खरीदने होंगे। अनुदान का भुगतान विभागीय गाइडलाइन से होगा।

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