महोबा। जनपद सृजन के 30 साल बाद भी जिला मुख्यालय महोबा में राजकीय महिला डिग्री कॉलेज की मांग का मुद्दा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदन में गूंजा। एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर व शिक्षक विधायक डॉ. बाबूलाल तिवारी ने महोबा में बालिका शिक्षा की इस प्रमुख समस्या को लेकर सदन का ध्यान आकर्षण कराया।
11 फरवरी वर्ष 1995 को महोबा को अलग जिला बनाया गया। बावजूद इसके शहर में एक भी राजकीय महिला महाविद्यालय नहीं है। महोबा में राजकीय महिला महाविद्यालय की मांग लंबे समय से चली आ रही है लेकिन महाविद्यालय की स्थापना नहीं हो सकी।
अब एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर व शिक्षक विधायक डॉ. बाबू लाल तिवारी ने सत्र के दौरान विधान परिषद के सदन में नियम 110 के तहत यह मामला उठाया।
कहा कि महोबा शहर में राजकीय महिला महाविद्यालय न होने से छात्राओं को अध्ययन के लिए अन्य जनपदों का सहारा लेना पड़ता है। इससे कई छात्राओं की शिक्षा बीच में ही रुक जाती है। महोबा बुंदेलखंड का अत्यंत पिछड़ा जिला है। नवीन महाविद्यालय की स्थापना कराई जाए।
इससे हजारों छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। यह मामला सदन में उठने के बाद विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने उच्च शिक्षा विभाग निदेशक को आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ताकि आख्या प्राप्त होते ही नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सके। अब सदन तक मामला पहुंचने से महोबा में राजकीय महिला महाविद्यालय के स्थापना की उम्मीद जगी है।
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