बुंदेली बालिकाओं की एक अनोखी परम्परा

बुंदेलखंड का मामुलिया पर्व अश्विन माह में 16 दिनों तक चलने वाला उत्सव है। इस दौरान, कुँआरी बालिकाएँ दीवारों पर आकृतियाँ बनाती हैं और शाम के समय में एकत्रित होकर गीत गाती हैं, और नींबू की टहनी को रंगीन वस्त्र व फूलों से सजाकर शाम को नदी या जलाशय में विसर्जित किया जाता है। 

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