झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के पिछोर, गुमनावरा और अन्य कई इलाकों में लंबे समय से बुलडोजर के डर में जी रहे लोगों ने अब राहत की सांस ली है. नगर पार्क की जमीन पर बने इन मकानों को बचाने के लिए झांसी विकास प्राधिकरण ने अपनी महायोजना में कुछ बदलाव किए हैं. महायोजना 2031 को इसी महीने शासन की मंजूरी मिल सकती है. झांसी विकास प्राधिकरण ने पिछले हफ्ते ही आपत्तियां दूर कर महायोजना का फाइनल ड्राफ्ट शासन को भेज दिया है. अब चार हजार आवासों से खतरा टल जाएगा.
पास होंगे लेआउट
महायोजना की मंजूरी के बाद झांसी का दायरा 90 से बढ़कर 160 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा. आवासीय क्षेत्र के रकबे में भी 35 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. महायोजना में 62 नए गांवों को भी शामिल किया गया. महायोजना की मंजूरी के बाद इन गांवों में भी विकास का पहिया तेजी से दौड़ना शुरू हो जाएगा. यहां लेआउट भी पास हो सकेंगे.
लोगों ने ली राहत की सास
सबसे बड़ी राहत उन पांच हजार भवन स्वामियों को मिलेगी, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. ये मकान पिछोर, गुमनावारा, डडियापुरा, नयागांव आदि क्षेत्रों में नगर और प्रखंडीय पार्क के लिए प्रस्तावित भूमि पर बने हैं. नए प्लान में महानगर के बाहर आठ-आठ किमी लंबी हरित पट्टिका का प्रस्ताव है. शिवपुरी रोड पर रक्सा, ग्वालियर रोड में अंबाबाय, कानपुर रोड में पारीछा, मऊरानीपुर में बरुआसागर की ओर ग्रीन बेल्ट प्रस्तावित है. पहले के ड्राफ्ट में संशोधन के निर्देश शासन ने दिए थे. उपाध्यक्ष आलोक यादव का कहना है कि अप्रैल में ही महायोजना 2031 की मंजूरी मिलने की संभावना है.
लंबे संघर्ष का नतीजा
पिछोर निवासी राहुल राजपूत ने कहा कि यह एक अच्छी खबर है कि अब हमारे मकानों पर कोई खतरा नहीं आयेगा. लोग अब यहां सुकून से रह सकते हैं. नया नक्शा जल्द ही पास हो जायेगा. सुदीप महाराज ने कहा कि मकान को बचाने के लिए लोगों ने लंबा संघर्ष किया है. कई महीनो तक लोगों ने अनशन किया. इसके बाद यह संभव हो पाया है.
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