पर्यटन और बुंदेली संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, शिल्पकारों को मिलेगा प्रदर्शन व विक्रय का मंच — कलेक्टर

कलेक्टर श्री विवेक श्रोत्रिय की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं सांस्कृतिक परिषद (डीएटीसीसी) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई। इस अवसर पर श्रीमती सरोज राजपूत, श्री विवेक चतुर्वेदी, श्री विश्वजीत सिंह, श्री अभय यादव सहित जिले के प्रतिष्ठित होटल संचालक, गणमान्यजन, अपर कलेक्टर श्री पीएस चौहान, एएसपी श्री सीताराम, एसडीएम टीकमगढ़ श्री लोकेन्द्र सिंह सरल, एसीईओ श्री आरके पस्तोर सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बैठक में कलेक्टर श्री श्रोत्रिय ने निर्देशित किया कि जिले में सबकी सोच को ध्यान में रखते हुये एवं सबके हित के लिये हमारे पर्यटन स्थल और हमारी संस्कृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यहां पर पर्यटन और बुन्देली संस्कृति की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कला एवं संस्कृति से संबंधित नागरिकों को चिन्हित किया जाये व उनको कला क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाये, जिससे जिले में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि शहर में बुंदेली हाट की प्रचुर संभावनायें है, जिससे स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों के लिये पीतल, हस्तनिर्मिट टेराकोटा, बेंत-बांस शिल्प, पारंपरिक वस्त्रों आदि का प्रदर्शन तथा विक्रय का प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि शहर में क्राफ्ट मार्केट स्थापित किया जाये साथ ही क्राफ्ट आर्ट का उपयोग भी किया जाये। उन्होंने कहा कि कुण्डेश्वर के पास वन विभाग का खैराई वन है, जिसे वन विभाग के सहयोग से वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र के रूप में पर्यटन हेतु विकसित किया जा सकता है। उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये जिले के होटल संचालकों से टूरिज्म की परिकल्पना के लिये सहयोग देने के लिये कहा।

बैठक में उपस्थिति जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले के पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये अपने सुझाव रखे,जिसमें बताया गया कि चिन्हित पर्यटन/पुरातात्विक महत्व के स्थलों पर पर्यटक सूचना केन्द्र, सूचना पटल, पेयजल, शौंचालय, पार्किंग आदि की सुविधाओं के लिये पर्यटन स्थल वार कार्ययोजना तैयार की जाये। उन्होंने कहा कि निजी एवं सार्वजनिक स्थलों को पयर्टन के मापदंड से विकसित किया जाये। उन्होंने कहा कि बल्देवगढ़ का किला अपने आप में काफी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही जिले में और अन्य जगह भी हैं जहां डेस्टिनेसन बेडिंग, सूटिंग आदि की अपार संभावनायें हैं, इसके लिये संपूर्ण व्यवस्थायें की जायें।

बैठक में कलेक्टर श्री श्रोत्रिय ने कहा कि पुरातत्व विभाग द्वारा टीकमगढ़ स्थित संग्रहालय तथा राज्य संरक्षित सूची में दर्ज स्थलों गुप्तेश्वर मंदिर-मोहनगढ़ (जतारा), सूर्य मंदिर मड़खेरा (जतारा), शिव मंदिर बड़ागांव (टीकमगढ़), सूर्य मंदिर-उमरी (टीकमगढ़), गढ़ी अस्तौन-अस्तौन खास (टीकमगढ़), जतारा का किला (जतारा), पापट संग्रहालय, कुण्डेश्वर (टीकमगढ़) का बेहतर रख-रखाव, संरक्षण, प्रचार-प्रसार आदि हेतु कार्ययोजना की कार्यवाही पुरातत्व विभाग द्वारा की जाये। साथ ही वे जिले के पुरातात्विक महत्व के स्थलों के संरक्षण हेतु पुरातत्व विभाग से स्थलों का सर्वेक्षण कराने एवं राज्य संरक्षित सूची में दर्ज कराने की पहल करें। उन्होंने जिले में हैरिटैज हॉटल को बढ़ावा देने के कहा। 

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