दमोह: बाढ़ पीड़ितों को जल्द मिलेंगे पीएम आवास, कलेक्टर ने सरकार को भेजा प्रस्ताव


एमपी के दमोह में जारी बारिश के दौर के बीच जब जरा पानी थमा तो जिले के कलेक्टर खुद हालातों का जायजा लेने निकले. अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए तारादेही क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त इलाकों की हालत डीएम ने देखी है. इन गावों में बाढ़ के पानी ने भीषण तबाही मचाई है. सैडकों कि संख्या में घर गिर गए हैं तो जो बचे हैं उनकी हालत जर्जर हो चुकी है, लोगो के घरों में खाने के लिए दाना भी नहीं बचा है. ऐसी स्थिति में प्रशासन ने लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है


बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि इस इलाके में 18 गांव पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं, कुछ लोगों को आसपास पनाह मिली है. लेकिन जिन लोगों के पास कोई साधन नहीं है. उनके रहने के लिए टेंट में राहत शिविर बनाये जा रहे हैं. ये गांव आदिवासी बाहुल्य इलाके के हैं और लोगों ने बताया है कि उन्हें पीएम आवास नहीं मिले हैं. जिसे देखते हुए कलेक्टर ने राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा है कि इन बाढ़ पीड़ितों को सूची से अलग प्राथमिकता के आधार पर महीने भर के अंदर ही पीएम आवास स्वीकृत कराए जाएं. ताकि बाढ़ की वजह से बेघर हुए लोगो को छत मिल सके.

गांवों में कैद हुए लोग
दमोह जिले में अधिकांश इलाकों में बने बाढ़ के हालातों के बीच एसडीआरएफ की टीम लगातार सक्रिय है. इस सक्रियता के चलते लोगों की जिंदगी बचाने का काम किया जा रहा है. इस बीच एक और अच्छी खबर सामने आई है, जब एक आदिवासी वर्ग की हाई रिस्क पेग्नेंट लेडी को रेस्क्यू किया गया है. मामला जबेरा ब्लाक के घटेरा पंचायत के कुसाई गांव का है. यहां भारी बारिश के बाद गांव टापू में बदल गया हैं. कुसाई गांव के आसपास से बहने वाले नाले उफान पर हैं और अभी इन नालों में पानी कम होने की उम्मीद नहीं है. लोग गांव में कैद हैं. 


साभार : ज़ी न्यूज़


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