लंका मीनार, कालपी (जालौन, उत्तर प्रदेश) में स्थित एक अद्वितीय स्मारक है, जिसका निर्माण 1857 में मथुरा प्रसाद नामक रंगकर्मी ने करवाया था। रामलीला में रावण का किरदार निभाते हुए वे इस पात्र से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उसकी स्मृति में यह मीनार बनवाई। लगभग 210 फीट ऊँची यह मीनार रावण की लंका नगरी का प्रतीक मानी जाती है और कहा जाता है कि यह कुतुब मीनार के बाद भारत की दूसरी सबसे ऊँची मीनार है। यह स्मारक न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि भारतीय लोक-संस्कृति और रावण की वैकल्पिक छवि को भी उजागर करता है।
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