धर्मनगरी चित्रकूट का माहौल इस समय पूरी तरह से भक्ति और आस्था में डूबा हुआ है. भदई अमावस्या (Bhadrapad Amavasya 2025) के मौके पर यहां का नजारा बेहद अद्भुत है. सुबह से ही मंदाकिनी नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा देखने को मिल रहा है. हजारों लोग दूर-दराज़ से पैदल यात्रा करके चित्रकूट पहुंचे हैं|
मां मंदाकिनी में पवित्र स्नान करने के बाद भक्त भगवान कामतानाथ के दर्शन कर रहे हैं और कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा पूरी श्रद्धा के साथ कर रहे हैं. प्रशासन के मुताबिक सोमवार रात से अब तक लगभग 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चित्रकूट पहुंच चुके हैं और आस्था की डुबकी लगा चुके हैं|
क्यों खास है भदई अमावस्या
भाद्रपद मास की अमावस्या को पितरों के तर्पण और मोक्ष के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे कुशग्रहणी अमावस्या और पिठोरी अमावस्या भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन स्नान, ध्यान और दान-पुण्य से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि यह अमावस्या साल की सबसे बड़ी और प्रमुख अमावस्या मानी जाती है|
इस बार भदई अमावस्या का महत्व और बढ़ गया है क्योंकि यह दो दिन तक पड़ रही है. शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं का जत्था लगातार चित्रकूट पहुंच रहा है. रामघाट, कामतानाथ मंदिर और कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा पथ पूरी तरह से श्रद्धालुओं से भरा हुआ है. लोग पूरी आस्था और विश्वास के साथ भगवान की भक्ति में लीन हैं|
साभार : न्यूज़ 18
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