महोबा। इस बार शहर की रामलीला और भी आकर्षक और भव्य रूप में देखने को मिलेगी। रामलीला मंचन में अयोध्या के चर्चित कलाकार जुड़ रहे हैं, जिससे यह आयोजन धार्मिक, सांस्कृतिक और मनोरंजन के दृष्टिकोण से खास बनने जा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी शहर के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम दर्शकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेगा।
महोबा में रामलीला की परंपरा वर्ष 1875 से चली आ रही है। प्रारंभ में इसे आगे बढ़ाने में स्थानीय समाजसेवियों का विशेष योगदान रहा। वर्ष 1916 से 1960 तक रामलीला मंचन को व्यवस्थित और नियमित रूप देने का कार्य पं. मुकुंद लाल द्वारा किया गया। उनकी रचित आरती से लीला का शुभारंभ होता था और आज भी परंपरा अनुसार "परशुराम परमानंद" गाकर मंचन की शुरुआत की जाती है।
सन 1961 से लेकर 2019 तक रामलीला का मंचन निरंतर आयोजित होता रहा। इस दौरान इसे भव्य स्वरूप देने में स्थानीय संस्थाओं और व्यक्तियों का विशेष योगदान रहा। अब इसे श्री रामलीला न्यास के तत्वावधान में और सशक्त रूप दिया जा रहा है।
कार्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार 22 और 23 सितंबर को रामालय सभागार में रामचरितमानस पाठ होगा। 24 सितंबर को सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का आयोजन होगा। 25 सितंबर से दो अक्तूबर तक अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या और श्री रामलीला न्यास महोबा के संयुक्त तत्वावधान में आदर्श मिथिलांचल रामलीला फाउंडेशन की ओर से रामलीला का मंचन किया जाएगा।
दो अक्तूबर को रामलीला मैदान में रावण दहन का आयोजन होगा, जबकि तीन अक्तूबर को भगवान राम की राजगद्दी की शोभायात्रा नगर भ्रमण के साथ संपन्न होगी।
महोबा की यह ऐतिहासिक रामलीला इस बार और भी भव्य स्वरूप में सामने आएगी, जिसका इंतजार श्रद्धालु और दर्शक उत्साह से कर रहे हैं।
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