Banda : जीवन विद्या सम्मेलन में जुटेंगे देश-विदेश के किसान, सीखेंगे जीवन विद्या के सूत्र

बांदा। बुंदेलखंड के बड़ोखर खुर्द गांव में इस वर्ष जीवन विद्या का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ बेल्जियम और नेपाल जैसे देशों से आए बुद्धिजीवी किसान, शिक्षाविद और जीवन दर्शन के अनुयायी एक मंच पर एकत्र होंगे। यह अवसर होगा 27वें जीवन विद्या सम्मेलन का, जो 30 अक्तूबर से 2 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन का मुख्य विषय रहेगा —"मध्यस्थ दर्शन और आवर्तनशीलता ही परंपरा का आधार"।

चार दिन, बारह सत्र और अनोखा अनुभव

शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर प्रयागराज हाईवे स्थित बड़ोखर खुर्द गांव के प्रगतिशील किसान के कृषि फार्म में सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। मिट्टी और गोबर से लेपित इस पारंपरिक पंडाल में लगभग आठ सौ प्रतिभागी एक साथ बैठकर सादगीपूर्ण वातावरण में चर्चा और संवाद करेंगे।

चार दिनों में बारह अलग-अलग सत्र आयोजित होंगे, जिनमें जीवन विद्या, पर्यावरण संतुलन, मानवता परख शिक्षा व्यवस्था और वर्गहीन समाज निर्माण जैसे विषयों पर गहन चिंतन किया जाएगा। देश के प्रसिद्ध विशेषज्ञ प्रेरक वक्ताओं के रूप में अपनी सीख और अनुभव साझा करेंगे।

ग्रामीण परिवेश में सादगीपूर्ण आयोजन

सम्मेलन की तैयारियां पूरी तरह ग्रामीण परंपरा के अनुरूप रखी गई हैं। आयोजन स्थल पर किसी तरह की भव्यता के बजाय सादगी और आत्मीयता का माहौल रहेगा। देश-विदेश से आए प्रतिभागी आसपास के गांवों में रुककर ग्रामीण जीवन का अनुभव भी लेंगे।

मानवता और प्रकृति पर केंद्रित विचार विमर्श

सम्मेलन का उद्देश्य केवल खेती-किसानी के तकनीकी पहलुओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें जीवन मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण और मानव समाज की समानता पर भी चर्चा होगी। सामूहिक गोष्ठियों और चौपालों के माध्यम से सहभागी एक-दूसरे से सीखने और अनुभव साझा करने का अवसर पाएंगे।

बांदा की यह धरती एक बार फिर जीवन विद्या के वैश्विक केंद्र के रूप में जगमगाने जा रही है। सादगी, ग्रामीण संस्कृति और आत्म चिंतन के इस संगम में सहभागी न केवल खेती के नए आयाम सीखेंगे, बल्कि जीवन के गहरे अर्थों को समझने का अवसर भी पाएंगे।

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