Chitrakoot में कोषागार की जांच में शिक्षा विभाग से मांगा गया रिकॉर्ड

चित्रकूट जिले के कोषागार विभाग में वित्तीय अनियमितताओं की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। जांच टीम ने अब शिक्षा विभाग से भी रिकॉर्ड मांगा है। विभाग को 93 पेंशनरों की सूची भेजी गई है, जिनमें सबसे अधिक संख्या शिक्षा विभाग से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मियों की बताई जा रही है।

43 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता सामने आई

वर्ष 2018 से अब तक की जांच में कोषागार में 43 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। इस प्रकरण में 93 पेंशनरों और चार कोषागार कर्मचारियों के नाम दर्ज किए गए हैं। इनमें लगभग 50 प्रतिशत पेंशनर शिक्षा विभाग से जुड़े हैं, जिनकी पहचान की पुष्टि के लिए शिक्षा विभाग को जांच रिपोर्ट भेजी गई है।

विभागीय रिकॉर्ड से हो रहा मिलान

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर नामजद पेंशनरों के नाम और बैंक खातों का विभागीय रिकॉर्ड से मिलान शुरू कर दिया है। इसके साथ ही यह जांच की जा रही है कि सूची में शामिल सभी व्यक्ति वास्तव में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हैं या नहीं। मंगलवार को विभागीय अधिकारियों ने कोषागार कार्यालय पहुंचकर दस्तावेजों का मिलान भी कराया।

पारदर्शिता सुनिश्चित करने की तैयारी

जांच एजेंसियों का कहना है कि पूरा मामला वित्तीय पारदर्शिता से जुड़ा है, इसलिए किसी भी स्तर पर त्रुटि नहीं छोड़ी जाएगी। शिक्षा विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। प्रशासन ने दोनों विभागों को आपसी समन्वय के साथ जांच प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, रिकॉर्ड सत्यापन के बाद जिन मामलों में अनियमितता या गड़बड़ी पाई जाएगी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि मांगे गए अभिलेख समय पर प्रस्तुत करें ताकि जांच शीघ्रता से पूरी की जा सके और जिम्मेदारों की जवाबदेही तय हो सके।

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