देवी दुर्गा के 64 रूप, एक मंदिर में छिपी — खजुराहो की रहस्यमयी कथा


खजुराहो, मध्य प्रदेश में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर इस क्षेत्र के सबसे प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है। लगभग 885 ईस्वी में चंदेल वंश के शासनकाल में निर्मित यह मंदिर तांत्रिक उपासना का एक प्रमुख केंद्र माना जाता था। अधिकांश योगिनी मंदिर गोलाकार होते हैं, लेकिन खजुराहो का यह मंदिर आयताकार संरचना वाला है, जो इसे विशिष्ट बनाता है। इसके केंद्रीय प्रांगण के चारों ओर 64 योगिनियों के लिए छोटे-छोटे कक्ष बने हुए हैं, जो देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान में यहाँ की मूर्तियाँ अनुपस्थित हैं, लेकिन ब्राह्मणी, महेश्वरी और महिषासुर मर्दिनी जैसी मूर्तियाँ अब खजुराहो के पुरातत्व संग्रहालय में सुरक्षित हैं। ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित यह मंदिर न केवल स्थापत्य दृष्टि से अनोखा है, बल्कि खजुराहो की शक्ति और तंत्र साधना की प्राचीन परंपरा का भी साक्षी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इसे राष्ट्रीय महत्व का संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।


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