बांदा। शहर के नागरीय प्रचारिणी पुस्तकालय में वर्षों से संजोई गई दुर्लभ किताबें अब सुरक्षित स्थान पर पहुँच गई हैं। पुस्तकालय के पुराने भवन को तोड़ा जाना है, इसलिए इन बहुमूल्य किताबों को विकास प्राधिकरण में सुरक्षित रखा जा रहा है। यह कदम किताबों की सुरक्षा और पुस्तकालय के नए निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नवनिर्माण की तैयारी में हटाया पुराना ढांचा
महोबा रोड स्थित यह पुस्तकालय लंबे समय से जर्जर हालत में था। बारिश और धूप के चलते भवन कमजोर हो गया था, जिससे बच्चों और पाठकों का आना लगभग बंद हो गया था। हाल ही में विकास प्राधिकरण की बैठक में पुस्तकालय के नये भवन का प्रस्ताव मंजूर किया गया। आधुनिक स्वरूप में बनने वाले इस भवन से शहर के पाठकों को बेहतर माहौल मिलने की उम्मीद है।
दुर्लभ धरोहर को मिली नई सुरक्षा
पुराना ढांचा तोड़े जाने से पहले पुस्तकालय में रखी गई बेहद प्राचीन किताबों को एक-एक करके सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। ये किताबें साहित्य, संस्कृति, समाज और धर्म जैसे कई विषयों की धरोहर मानी जाती हैं। कहा जा रहा है कि इनमें से कई पुस्तकें बाजार में बेहद मूल्यवान मानी जाती हैं, इसलिए उन्हें अत्यंत सावधानी से नए स्थान पर रखा गया है। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि किताबों को पूरी सुरक्षा के साथ संरक्षित किया जा रहा है और नया भवन तैयार होने के बाद उन्हें फिर से पुस्तकालय में रखा जाएगा।
नए संस्करण और प्रतियोगी पुस्तकें भी होंगी उपलब्ध
पुस्तकालय के नए स्वरूप में पाठकों के लिए आधुनिक सुविधा देने की योजना है। अधिकारियों के मुताबिक, पुरानी किताबों को संरक्षित करने के साथ-साथ नए संस्करण की पुस्तकें भी मंगाई जाएंगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए उपयोगी किताबें भी पुस्तकालय में रखी जाएंगी, ताकि यह स्थान हर उम्र के पाठकों के लिए और अधिक उपयोगी बन सके।
बांदा में किताबों के संरक्षण की यह पहल न सिर्फ साहित्यिक धरोहर को बचाने का प्रयास है, बल्कि शहर की नई पीढ़ी को अध्ययन का बेहतर माहौल देने की दिशा में बड़ा कदम भी साबित होगी।

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