चित्रकूट। तुलसीदास की जन्मभूमि राजापुर में अगहन माह का तीसरा मंगलवार आस्था और उत्साह से सराबोर रहा। हनुमान मंदिर के बाहर लगे पारंपरिक मेले में सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर हनुमानजी के दर्शन करते रहे और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते रहे। भक्ति का माहौल ऐसा था कि मंदिर परिसर लगातार जयकारों से गूँजता रहा।
सुबह से देर शाम तक लगी रही भीड़
दिन चढ़ते ही मंदिर की गलियां और मेला परिसर लोगों से भरने लगा। महिलाएं और पुरुष सुबह-सुबह ही दर्शन के लिए लाइन में लग गए थे। पूरे दिन मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंगलवार और शनिवार को लगने वाले इस मेले में हमेशा से ही भीड़ अधिक रहती है, और इस बार भी माहौल बिल्कुल त्योहार जैसा था।
खरीदारी में महिलाओं का उत्साह
मेले का बाजार भी पूरे रंग में नजर आया। दुकानों पर महिलाओं की खास भीड़ रही, जो शृंगार सामग्री, घरेलू सामान, खिलौने और मिठाइयों की खरीद में व्यस्त दिखीं। हर दुकान के सामने हलचल थी और खरीदारी की रफ्तार पूरे दिन बनी रही। बच्चों के चेहरे झूलों और रंग-बिरंगे खिलौनों से खिल उठे।
युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना मेला
मेले में भोजन की दुकानों का जादू भी खूब चला। चाट, पकौड़ी, जलेबी और गोलगप्पों की महक ने युवाओं को अपनी ओर खींचा। खासकर गुड़ की जलेबी की सुगंध मेले का अलग ही आकर्षण बनी रही। मिठाइयों और चटपटे व्यंजनों ने मेले की चहल-पहल को और रंगीन बना दिया।
सुरक्षा में रही पुलिस सतर्क
मेले में भीड़ बढ़ती देख व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात रहे। लोगों ने भी अनुशासन के साथ दर्शन और खरीदारी का आनंद लिया। राजापुर का यह परंपरागत मेला एक बार फिर आस्था, परिवारिक उत्साह और स्थानीय संस्कृति का खूबसूरत संगम साबित हुआ। लोग श्रद्धा से मंदिर पहुँचे और मेले की रौनक ने उनके दिन को और खास बना दिया।

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