Chitrakoot: मंदाकिनी की धारा से बिजली बनाने की बड़ी तैयारी

धर्मनगरी और उसके आसपास बसे कई गांवों की जीवनरेखा मानी जाने वाली मंदाकिनी लंबे समय से सूखेपन और प्रदूषण की मार झेल रही है। लगातार घटते जलस्तर ने यहां के लोगों, समाजसेवियों और स्थानीय प्रशासन को चिंता में डाल रखा है। अब नदी को दोबारा जीवन देने के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू हो गया है। यह योजना नदी में बाहरी स्रोत से पानी लाकर उसे स्थायी रूप से पुनर्जीवित करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

दोनों राज्यों की बैठकों के बाद बनी सहमति

नदी को बचाने के लिए पहले भी सफाई और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में प्रयास हुए, लेकिन हालात खास नहीं बदले। कई दौर की बैठकों के बाद अब दोनों प्रदेशों ने मिलकर एक नई योजना को आकार दिया है। इस योजना के तहत नदी में दूसरे जलस्रोत से पानी पहुंचाने की प्रक्रिया तय की गई है, जिससे नदी का जलस्तर वर्षभर संतुलित रह सकेगा। माना जा रहा है कि इस पहल से नदी के किनारे बसे गांवों में वर्षों से चल रही पानी की किल्लत भी कम होगी।

बड़े प्रोजेक्ट की ओर कदम

नई योजना में दूर स्थित जलस्रोत को जोड़कर एक लंबा मार्ग तैयार करने की रूपरेखा शामिल है। इस मार्ग के माध्यम से वहां का जल धीरे-धीरे मंदाकिनी तक लाया जाएगा। प्राकृतिक ढांचे और इलाके की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसका खाका तैयार किया गया है। आगे चलकर इस जल को नदी में छोड़कर उसके प्रवाह को स्थायी आधार देने का लक्ष्य है। यह कदम धार्मिक, पर्यटन और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बेहद अहम माना जा रहा है।

स्थानीय खुश, विशेषज्ञ सतर्क

जहां क्षेत्र के लोग इस योजना से उत्साहित हैं, वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि किसी नदी को बाहरी स्रोत से पानी देकर दोबारा जीवित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वे इस पर और अध्ययन की जरूरत बताते हैं। इसके बावजूद, स्थानीय स्तर पर इसे बड़ी राहत और उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।

जल्द केंद्र तक पहुंचेगी फाइल

योजना का प्रारूप लगभग तैयार है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए अब केंद्र सरकार तक भेजने की तैयारी चल रही है। यदि यह प्रोजेक्ट स्वीकृत हो जाता है, तो आने वाले समय में मंदाकिनी फिर से पूरे प्रवाह में बहती नजर आएगी और उसके किनारे बसे गांवों को जीवनदान मिलेगा।

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