उरई में विजवाहा से कुठौंद मार्ग पर बनाई जा रही सड़क इन दिनों ग्रामीणों की नाराज़गी का केंद्र बन गई है। जिस सड़क को लोगों की परेशानियां दूर करनी थीं, वही बनने के साथ ही उखड़ने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण शुरू होते ही उम्मीद जगी थी कि अब सफर आसान होगा, लेकिन सिर्फ कुछ ही दिनों में सड़क की सतह टूटने और बिखरने लगी, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए।
गांव के लोगों का साफ कहना है कि सड़क की मरम्मत में अच्छी सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया। मिट्टी पर पतली गिट्टी बिछाकर उसके ऊपर सड़क बना दी गई, जिससे सपाट सतह की बजाय रास्ता ऊंचा-नीचा और कमजोर दिख रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण स्थल पर विभागीय निगरानी लगभग न के बराबर है, और ठेकेदार अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि सड़क की हालत इतनी नाजुक है कि हाथ से ही गिट्टी निकलने लगती है, और वाहन गुजरते ही जगह-जगह गड्ढे दिखने लगते हैं। पहले भी इसी मार्ग पर खराब हालत की वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती थी और कई बार हादसे भी हो जाते थे। अब जब काम दोबारा शुरू हुआ, तो उम्मीद थी कि इस बार अच्छी सड़क बनेगी, लेकिन नतीजा फिर वही दिख रहा है।
शिकायत पहुंची सांसद तक
ग्रामीण पिछले तीन दिनों से विभागीय अधिकारियों से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन समस्या पर कोई गंभीर कार्रवाई होती नहीं दिख रही। बुधवार को जब विभागीय अधिकारी जांच के लिए पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उनसे सवाल पूछे, मगर अधिकारियों ने खराब काम के लिए ठेकेदार को जिम्मेदार ठहरा दिया।
उम्मीदें टूटीं तो बढ़ी नाराज़गी
ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क पर सैकड़ों लोग रोजाना आवाजाही करते हैं। खराब निर्माण की वजह से उन्हें एक बार फिर मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह काम चलता रहा, तो सड़क कुछ महीनों भी नहीं टिक पाएगी।
सवाल साफ है – बड़ी उम्मीदों के साथ शुरू हुआ निर्माण क्या सिर्फ दिखावा बनकर रह जाएगा, या शिकायतों के बाद स्थिति बदलेगी? ग्रामीण अब जवाब और कार्रवाई दोनों का इंतज़ार कर रहे हैं।

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