सागर। देव दीपावली के पावन अवसर पर बुधवार की शाम सागर शहर आध्यात्मिक प्रकाश में नहाया नजर आया। चकराघाट से लेकर गणेशघाट तक सैकड़ों मीटर लंबे घाट पर दीपों की अनगिनत कतारें जगमगा उठीं। पूरा दृश्य ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो काशी की भव्यता सागर में उतर आई हो। कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर घाटों पर एक साथ हजारों दीप जलाकर भक्तों ने भगवान शिव और गंगा माता की आराधना की।
गंगा आरती से गूंजा वातावरण
कार्यक्रम की शुरुआत रावतपुरा सरकार के बटुकों ने वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ की। गंगा आरती के दौरान घंटियों और शंखनाद की मधुर ध्वनि से पूरा वातावरण भक्ति भाव से भर उठा। श्रद्धालुओं ने घाट पर पहुंचकर दीपदान किया और जल में तैरते दीपों से नदी की लहरें सोने सी दमक उठीं।
आतिशबाजी और संगीत से सजी शाम
आरती के बाद आसमान रंगीन रोशनी से जगमगाने लगा। करीब 15 मिनट तक चली आतिशबाजी ने हर किसी का मन मोह लिया। घाट पर भक्ति संगीत और संगीतमय प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी मनमोहक बना दिया। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी दीप जलाने में तल्लीन नजर आए।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
शाम पांच बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता घाट पर लगना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे घाट पूरी तरह भर गया और हर ओर दीपों की रोशनी फैल गई। लोग बारी-बारी से अपने निर्धारित ब्लॉकों में दीपक जलाते रहे। शाम सात बजे के बाद पूरा चकराघाट और गणेशघाट रोशनी से नहा गया।
सफाई अभियान से दिया संदेश
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद नगर निगम की टीम ने एक घंटे में घाट की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। दीपों से सजी यह शाम सागरवासियों के लिए यादगार बन गई — जब शहर सचमुच काशी की तरह श्रद्धा, प्रकाश और सौंदर्य से आलोकित हो उठा।

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