रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे तो राजधानी का माहौल खास बन गया। शाम के वक्त उनका विमान दिल्ली स्थित एयरपोर्ट पर उतरा। वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से मौजूद थे और दोनों नेताओं की मुलाकात बेहद आत्मीय रही। एक-दूसरे से हाथ मिलाने और गले लगने के उस पल ने यह साफ कर दिया कि दोनों के बीच भरोसा और समझ बेहद मजबूत है।
एयरपोर्ट से निकली ‘सप्राइज राइड’
औपचारिक स्वागत के बाद जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया। दोनों नेता सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर सीधे एक सफेद एसयूवी में बैठ गए। यह पूरी तरह अप्रत्याशित कदम था। सुरक्षा घेरे और काफिले के बावजूद दो बड़ी वैश्विक शख्सियतों का इस तरह से साधारण अंदाज़ में एक साथ सफर करना चर्चा का विषय बन गया।
यह राइड न सिर्फ मीडिया बल्कि सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में रही। लोग अंदाज़ा लगाते रहे कि आखिर इस ख़ास सफर में दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई होगी। चाहे चर्चा द्विपक्षीय रिश्तों पर रही हो या किसी भविष्य की योजना पर—इस अनौपचारिक यात्रा ने संदेश स्पष्ट दिया कि रिश्ते अब और भी सहज होते जा रहे हैं।
रिश्तों में नई गर्मी का संकेत
इस यात्रा का बड़ा संदेश यह है कि भारत और रूस अपने संबंधों को एक नई दिशा देना चाहते हैं। एयरपोर्ट से निकलते हुए दोनों नेताओं का सहज अंदाज़ बताता है कि बातचीत सिर्फ औपचारिक बैठकों तक सीमित नहीं रहने वाली। दो देशों के बीच नई योजनाओं, सहयोग और भरोसे को आगे बढ़ाने का यह दौरा अहम माना जा रहा है।
भारत-रूस संबंधों को मिलेगी नई गति
यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। दुनिया की नज़रें इन दो देशों की साझेदारी पर रहती हैं, और ऐसे में इस तरह की दोस्ताना शुरुआत एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले दिनों में बैठकें होंगी, समझौते होंगे, और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा आगे बढ़ेगी।
इस अनोखी ‘सप्राइज राइड’ ने इस दौरे की शुरुआत को यादगार बना दिया है। ये मुलाकात सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि दो देशों की मजबूत दोस्ती की झलक है।

0 टिप्पणियाँ