जालौन जिले के आटा क्षेत्र स्थित भभुआ गांव में सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के बैनर तले किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और अपनी समस्याओं व मांगों को मंच के माध्यम से सामने रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरेंद्र पाठक ने की। सम्मेलन का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति और कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना रहा।
कृषि नीतियों में भागीदारी पर जोर
सम्मेलन के मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश कुमार निरंजन भैयाजी रहे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक किसान उन स्थानों तक अपनी आवाज नहीं पहुंचाएंगे, जहां देश की कृषि नीतियां तय होती हैं, तब तक उनका समुचित विकास संभव नहीं है। उन्होंने किसानों को संगठित रहने और अपने अधिकारों के लिए जागरूक होने की बात कही।
सम्मान निधि बढ़ाने की मांग
किसान सम्मेलन में प्रमुख रूप से किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की मांग उठाई गई। वक्ताओं का कहना था कि मौजूदा समय में खेती की लागत बढ़ रही है, ऐसे में किसानों को अधिक आर्थिक सहायता की जरूरत है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जाए, जिससे उन्हें खेती के काम में सहूलियत मिल सके।
फसल नुकसान पर मुआवजे की मांग
सम्मेलन में बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। किसानों ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में फसल क्षति का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाना जरूरी है, ताकि किसान दोबारा खेती के लिए तैयार हो सकें।
कृषि यंत्र और ट्रैक्टर अनुदान पर चर्चा
किसानों ने कृषि यंत्रों और ट्रैक्टर पर मिलने वाले अनुदान का दायरा बढ़ाने की भी मांग की। उनका कहना था कि आधुनिक खेती के लिए मशीनों की जरूरत है, लेकिन सभी किसान इन्हें खरीदने में सक्षम नहीं हैं। यदि अनुदान का लक्ष्य बढ़ाया जाए तो अधिक किसान इसका लाभ उठा सकेंगे।
संगठन से जुड़े रहने का आह्वान
सम्मेलन के अंत में किसानों से अपील की गई कि वे एकजुट होकर अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाते रहें। आयोजकों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी किए जाएंगे, ताकि किसानों की आवाज मजबूती से आगे पहुंच सके।

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