खजुराहो की ऐतिहासिक धरती सोमवार की शाम रौशनी और ध्वनि के अनोखे संगम से जगमगा उठी। प्राचीन मंदिरों की पृष्ठभूमि में सजे इस शानदार लाइट एंड साउंड शो ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। रंग-बिरंगी किरणों से नहाए स्तंभ, ध्वनियों की गूँज और इतिहास की परतें खोलती कथा—यह सब मिलकर ऐसा अनुभव बना, जिसे देखने वाले देर तक भूल नहीं पाए।
इस भव्य प्रस्तुति में दर्शकों को ऐसा एहसास हुआ मानो समय पीछे लौट गया हो और प्राचीन सभ्यता की धड़कनें आसपास गूँज रही हों। शो के दौरान मंदिरों की कला, स्थापत्य और स्थानीय संस्कृति को बेहद आकर्षक अंदाज़ में सामने रखा गया।
धरोहर का नया अनुभव, पर्यटकों के लिए हुई खास शुरुआत
शाम की शुरुआत मंदिर समूह में नई सुविधाओं के शुभारंभ से हुई, जिससे दिव्यांगजन भी इस अनोखी धरोहर का सहज अनुभव ले सकेंगे। इसके बाद जैसे ही शो की पहली किरणें मंदिरों पर पड़ीं, पूरा वातावरण अलौकिक दृश्य में बदल गया। लोगों ने बताया कि यह प्रस्तुति न सिर्फ जानकारी देती है, बल्कि दिलों में गर्व का भाव भी जगाती है। शो को देखकर ऐसा लगा जैसे खजुराहो की पहचान एक बार फिर नई चमक के साथ दुनिया के सामने उभर रही हो।
सांस्कृतिक रंगों की झलक, लोक धुनों की मीठी ध्वनि
दिन में सांस्कृतिक विरासत से जुड़े एक विशेष स्थल का अवलोकन भी हुआ, जहाँ पारंपरिक नृत्यों और लोक धुनों ने माहौल को जीवंत बना दिया। ट्राइबल
संस्कृति की अलग-अलग विधाओं को एक ही छत के नीचे सहेजने वाली यह जगह अब एक नए गुरुकुल के रूप में भी विकसित हुई है, जहाँ परंपरा और कला का संगम दिखाई देता है।
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