बच्चों के यौन उत्पीड़न के चर्चित मामले में आरोपी निलंबित जूनियर इंजीनियर को लेकर मंगलवार (पहली दिसंबर) को एक बार फिर सीबीआई और आरोपी के अधिवक्ता अदालत में आमने-सामने होंगे। दोनों ही पक्ष अपने दावे या शिकायतें पेश कर सकते हैं।
सीबीआई अदालत को यह भी बता सकती है कि चार दिन तक रिमांड में अपने साथ रखकर आरोपी से क्या-क्या साक्ष्य जुटाए? उधर, जेल में आरोपी को आइसोलेशन सेल में तन्हा रखा गया है। फिलहाल अन्य कोई बंदी उसके साथ नहीं है।
आरोपी रामभवन को सीबीआई ने लगभग पौने 74 घंटे रिमांड पर अपने साथ रखने के बाद रविवार को दोपहर वापस यहां जेल में लाकर दाखिल कर दिया। रविवार और सोमवार को अदालत बंद थी। अब मंगलवार को पुन: रिमांड की पेशी होगी।
आरोपी को जेल से अदालत लाने के आसार कम हैं। अलबत्ता सीबीआई और आरोपी के अधिवक्ता अदालत में रहेंगे। रिमांड के दौरान अभियुक्त के साथ सीबीआई द्वारा की गई कोई प्रताडना या रिमांड की शर्तों का उल्लंघन होने की स्थिति में अभियुक्त के वकील अदालत में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
उधर, सीबीआई अपनी केस डायरी पेश कर सकती है। अब आरोपी 60 या 90 दिन तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहेगा। सीबीआई या पुलिस उसे अब रिमांड पर नहीं ले सकेगी। उधर, रिमांड से लौटने के बाद आरोपी रामभवन को उसके कोरोना संक्रमित होने और बाद में निगेटिव हो जाने के मद्देनजर फिलहाल जेल प्रशासन ने उसे जेल के अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन सेल में रखा है।
यहां अन्य कोई बंदी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी जेल में खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। किसी से बातचीत नहीं करता। न ही कोई फरमाइश करता है। जेल कर्मियों या अन्य बंदियों के किसी सवाल पर ज्यादातर गर्दन हिलाकर हां या न में उत्तर देता है। जेल प्रशासन ने तीन कंबल उपलब्ध कराए हैं। जबकि दो कंबल आरोपी रामभवन अपने निजी रखे हुए है।
साभार: amarujala
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