
बता दें पुलिस ने किसानों को शर्तों के साथ ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी है। किसान नेताओं ने इसपर एतराज जताया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा- शर्तों के साथ रैली निकालने की बात को हम नामंजूर करते हैं। हमारी पुलिस के साथ बैठक है उसमें तय किया जाएगा कि कौन से रूट पर रैली निकालनी है और कितने बजे रैली निकालनी है। 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है।
एक अन्य किसान नेता किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा- हमारा रूटमैप कुल 500 किलोमीटर का है। हमने रूटमैप बना लिया है और कल नेट पर डाल देंगे। सरकार इंतजाम करे ताकि कुछ गड़बड़ ना हो। हमने 3,000 वालंटियर की फोर्स बनाई है ताकि कुछ गड़बड़ ना हो। ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्वक होगी।
रैली करने के बाद राज्यपाल को ज्ञापन देने जाएंगे
कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से किसान मुंबई के आज़ाद मैदान में जमा हुए। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "जब तक कानून वापस नहीं होंगे किसानों का आंदोलन नहीं रूकेगा। हम आज रैली करने के बाद राज्यपाल को ज्ञापन देने जाएंगे।" राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने किसानों के प्रदर्शन में भाग लिया।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने तैयारी तेज कर दी है
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के ट्रैक्टर परेड में अब सिर्फ कुछ ही घंटों का वक्त बाकी है। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने तैयारी तेज कर दी है। सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैक्टरों की तादाद बढ़ने लगी है। पंजाब में व्यापारियों ने मंडियां बंद रखकर किसानों का समर्थन किया है। इस आंदोलन में शामिल होने के लिए छोटे-छोटे शहरों और गांवों से किसान दिल्ली बॉर्डर का रुख कर रहे हैं।
CISF को आया धमकी भरा कॉल
CISF के कंट्रोल रूम में सिख फॉर जस्टिस संगठन के आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की ओर सेफोन कॉल किया गया था। जिसमें कहा गया कि अगर किसानों की ट्रैक्टर रैली में कोई हिंसा होती है, तो उसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी।
कृषि क़ानूनों को लेकर राहुल का पीएम पर हमला
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस वक्त तमिलनाडु दौरे पर है। यहां अपने एक संबोधन में राहुल ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री तीन नए कानून लाए हैं जो भारतीय कृषि को बर्बाद कर देंगे और कृषि को दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के हाथ में सौंप देंगे। एक कानून साफ-साफ कहता है कि किसान अपनी रक्षा करने के लिए कोर्ट नहीं जा सकते हैं।
मायावती ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। मायावती ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए नए कृषि कानूनों को जरूर वापस लेना चाहिए ताकि गणतंत्र दिवस पर किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं हो।
हमें दिल्ली पुलिस के रूट पर आपत्ति है
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि संयुक्त मोर्चा ने रिंग रोड का जो प्रोग्राम बनाया था, हम उसी प्रोग्राम पर कायम हैं। हमें दिल्ली पुलिस के रूट पर आपत्ति है। हम पुलिस से अनुरोध करेंगे, इजाजत देना या ना देना सरकार का है। हमारी तरफ से ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे टकराव हो।
जिस तरह से हमें ट्रैक्टर रैली की परमिशन दी गई है, वो सही नहीं
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा का कहना है कि जिस तरह से हमें ट्रैक्टर रैली की परमिशन दी गई है, वो सही नहीं है। हम पुरानी रिंग रोड से जाना चाहते थे, लेकिन हमें शर्तों के साथ कुछ ही हिस्से में जाने की इजाजत दी है वो भी जो हरियाणा के अंदर आता है।
महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से किसान मुंबई के आजाद मैदान में जमा
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से किसान मुंबई के आजाद मैदान में जमा हो गए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "जब तक कानून वापस नहीं होंगे किसानों का आंदोलन नहीं रूकेगा। हम आज रैली करने के बाद राज्यपाल को ज्ञापन देने जाएंगे।
11 बजे किसानों को संबोधित करेंगे शरद पवार
किसान आंदोलन की लहर दिल्ली से मुंबई पहुंच गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान में सैकड़ों की संख्या में किसान जमा हो गए हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उद्धव सरकार के मंत्री सुबह 11 बजे किसानों को संबोधित करेंगे