दतिया में मंगलवार दोपहर कलेक्ट्रेट परिसर में मोगिया आदिवासी समाज के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई वेटनरी कॉलेज के अधिकारियों पर जबरन बेदखली का आरोप लगाया।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वे बड़ौनी तहसील के काम्हर गांव में पिछले 50-60 साल से झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे हैं। सभी परिवार मजदूरी करके गुजारा करते हैं और पीढ़ियों से वहीं बसे हुए हैं। नौनेर स्थित वेटनरी कॉलेज के अधिकारियों ने बिना किसी नोटिस और वैकल्पिक व्यवस्था के उनके मकान तोड़ दिए।
'खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर'
कई परिवारों की झुग्गियां जमींदोज कर दी गईं और लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। एक बुजुर्ग आदिवासी महिला ने कहा, "ना हमें कोई दूसरा ठिकाना दिया गया, ना हमारी सुनी गई। हम महीनों से थाना, तहसील और कलेक्टर ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही।"
कलेक्टर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
गुस्साए आदिवासी समुदाय ने अपर कलेक्टर महेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि कॉलेज प्रशासन को आगे की तोड़फोड़ से रोका जाए और बेघर परिवारों को रहने के लिए सुरक्षित स्थान दिया जाए। अपर कलेक्टर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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