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23 क्लस्टर के बाद अब 8494 करोड़ के 30 क्लस्टर को मंजूरी शीघ्र: केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी

नई दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि मध्यप्रदेश में चंदेरी और माहेश्वरी हैंडलूम के जैसे ही गरीब कारीगरों को रोजगार देने वाले पारम्परिक उत्पादों के क्लस्टर बनाकर उन्हें हर सम्भव मदद दी जाएगी। श्री गडकरी रविवार की रात स्टेट हेंगर पर राजधानी भोपाल के उद्यमियों की संक्षिप्त बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा और लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव भी इस अवसर पर मौजूद थे।


श्री गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी क्षमता का प्रयोग करें और सभी तरह से व्यावहारिक एमएसएमई क्लस्टर के प्रस्ताव भेजे। केंद्र सरकार एक माह की समय-सीमा में मंजूरी देगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के 23 क्लस्टर को हाल ही में मंजूरी दी गई है। मंत्री श्री सखलेचा ने अनुरोध किया कि केन्द्र के स्तर पर प्रदेश के 30 और क्लस्टर प्रस्तावों को मंजूरी दी जाए। श्री गडकरी ने कहा कि इसी माह इन प्रस्तावों को स्वीकृत कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र इन क्लस्टर के विकास के लिए 8494 करोड़ रुपये मंजूर करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में जितनी क्षमता हो उतने प्रस्ताव भेजे, केन्द्र प्रत्येक व्यावहारिक प्रस्ताव को मंजूरी देगी। केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने मध्यप्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री सखलेचा की तारीफ करते हुए कहा कि उद्योगों में तकनीकी और विज्ञान को लेकर श्री सखलेचा की सोच से अब माहौल बदला है। उन्होंने कहा कि तकनीकी सेंटर के विकास के लिए केंद्र सरकार संकल्पित है। इस बीच श्री सखलेचा ने बताया कि इंदौर में हाल ही में 700 एकड़ जमीन पर फर्नीचर क्लस्टर प्रारंभ किया गया है, जिसमें 12 हजार लोगों को सीधे रोजगार मिल रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ही देश में सर्वाधिक रोजगार देने वाला है, जिससे देश आत्म निर्भर बनेगा।

100 ड्रायविंग स्कूल और 52 व्हीकल फिटनेस सेंटर खुलेंगे

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट की मध्यप्रदेश में अपार सम्भावनाओं के दृष्टिगत मध्यप्रदेश सरकार के प्रस्ताव अनुसार 100 करोड़ रूपये की लागत से 100 ड्रायविंग स्कूल मंजूर किये गए है। उन्होंने बताया कि स्क्रैप पालिसी के तहत भी मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में व्हीकल फिटनेस सेंटर भी खोले जाएंगे।

इससे पहले मंत्री श्री गड़करी ने उद्योगपतियों के सुझाव भी सुनें। उन्होंने व्यवसाईयों से कहा कि वे अपनी 5 साल की बैलेंस सीट ठीक रखें और सरकार ऐसे उद्योगों को एनएसई में सूचीबद्ध कराने के साथ अपनी 10 प्रतिशत इक्यूटी देगी। उन्होंने कहा कि उर्जा पर होने वाले खर्च को उद्योगपति अपने परिसर में सोलर पैनल लगाकर कम कर सकते हैं और अपनी उत्पाद लागत को नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक से हाल ही में 4 हजार करोड़ रूपये का ऋण लिया गया है। उद्यमी स्टेट बैंक के माध्यम से योजना का फायदा ले सकते है। उन्होंने कहा कि छोटी इंडस्ट्रीज के भुगतान को समय-सीमा में करने की दिशा में केन्द्र सरकार अनेक कदम उठा रही है।

5 हजार करोड़ रूपये दिए, 50 हजार करोड़ रूपये की सड़के मंजूर करने के संकेत

श्री गड़करी ने बताया कि परिवहन और भंडारण लागत कम करने के भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राजमार्गों का तेजी से ‍विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि सीएनजी और एलएनजी के वाहनों में उर्जा के रूप में भी इन लागतों को नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग को 3 हजार करोड़ रूपये और सीआरएफ के तहत 2 हजार करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि मध्यप्रदेश सरकार वन विभाग की क्लीयरेंस और भूमि अधिग्रहण कर देती है तो दिसम्बर में 50 हजार करोड़ रूपये की सड़कों को मंजूरी दी जा सकती है।

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