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कृषि कानूनों को वापस ले सरकार,राज्यस्तरीय सम्मेलन में उठी आवाज

कोलांबाला टोबा में हिमाचल किसान सभा के राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में नयना देवी के पूर्व विधायक केके कौशल सहित सीपीएम नेता विजय शर्मा, श्याम सिंह घई, भारतीय किसान सभा के नेता भाग सिंह तथा पंजाब से किसान नेता गुरनाम सिंह सहित लगभग 300 किसान नेताओं तथा डेलीगेट्स ने भाग लिया। सम्मेलन में किसान नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया तथा किसान विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए कहा। 



केके कौशल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है तथा तीनों कानून किसानों के हित में नहीं हैं। इन्हें केंद्र सरकार को तुरंत वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते एक तरफ जनता महंगाई की मार झेल रही है तथा दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की सरकार डीजल तथा पेट्रोल के दाम बढ़ाकर लोगों को और परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम होने के बावजूद 35 रुपए प्रति लीटर टैक्स लगा दिया गया है।

गैस की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी कर दी गई है। बैंकों में ब्याज घटा दिया गया है। सम्मेलन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि तीनों बिलों को तुरंत रद्द किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य को संसद द्वारा कानूनी रूप दें। डीजल, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी को वापस लें तथा सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को तुरंत लागू करें। सम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि केसीसी लिमिट कम से कम 50000 प्रति बीघा की जाए तथा मनरेगा में कम से कम दिहाड़ी 600 रुपए की जाए। मनरेगा में काम के दिन कम से कम 200 दिन तय किए जाएं। सिंचित भूमि का इंद्राज रेवेन्यू कागजात में दर्ज किया जाए तथा प्रत्येक किसान को 10000 मासिक पेंशन दी जाए। प्रदेश में एपीएमसी मंडियों का विस्तार किया जाए, हर दो पंचायतों में एक पटवार वृत्त खोला जाए।


विस्थापितों को दोगुनी भूमि देने की मांग

किसान सम्मेलन में यह भी मांग उठाई गई कि भाखड़ा बांध से उजड़े विस्थापितों को अधिग्रहीत भूमि से दोगुनी भूमि दी जाए और हजारों विस्थापितों की भूमि को नियमित किया जाए। भाखड़ा बांध से उत्पन्न बिजली विस्थापितों को दी जाए बीबीएमबी की आमदन का एक हिस्सा भी विस्थापितों की सुविधा के लिए खर्च किया जाए। बीबीएमबी किसानों के लिए सड़क बिजली पानी और रखरखाव की तमाम सुविधाएं मुहैया कराएं तथा विस्थापितों को प्लाट दिए जाएं और उनके परिवार में से एक सदस्य को बीबीएमबी में नौकरी दी जाए।

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