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पेट्रोल की कीमत बढ़ी, कमी की जगह बिक्री भी बढ़ी

पेट्रोल की कीमतें हर दिन नई ऊंचाइयां छू रहीं हैं। इस के बाद भी जिले में इसकी बिक्री में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि बिक्री बढ़ गई है। पिछले माह जिले में सात लाख लीटर पेट्रोल की ज्यादा बिक्री हुई। बढ़ी हुई खपत में अहम हिस्सा मध्य प्रदेश की गाड़ियों का रहा। मप्र के मुकाबले यहां सस्ता होने की वजह से वहां की गाड़ियां भी यहां से तेल भरा रही हैं।पेट्रोल की कीमतों में लगातार उछाल जारी है।



 15 जनवरी में 84.03 रुपये प्रति लीटर थी और 15फरवरी को ये दाम बढ़कर 83.32 पर पहुंच गए थे। जबकि, एक मार्च को कीमत 88.92 रुपये रही। यानी कि डेढ़ माह में पेट्रोल के दामों में 4.89 रुपये प्रति लीटर की तेजी दर्ज की गई है। माना जा रहा था कि दाम बढ़ने से पेट्रोल की बिक्री में कमी आएगी। लेकिन, कमी की जगह बिक्री बढ़ गई है। जिले में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 125 पेट्रोल पंप हैं, जिनसे जनवरी माह मेें एक करोड़ दो लाख लीटर पेट्रोल की खपत हुई थी, वहीं फरवरी में एक करोड़ नौ लाख लीटर पेट्रोल बिका। बिक्री में सात लाख लीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

इसकी बढ़ी वजह मप्र के मुकाबले झांसी पेट्रोल का काफी सस्ता होना बताई जा रही है। एक मार्च को जहां झांसी में पेट्रोल की कीमत 88.92 रुपये प्रति लीटर रही, तो वहीं झांसी सटे मप्र के दतिया में 99.83 तथा शिवपुरी में इसके भाव 100.57 रुपये प्रति लीटर रहे। झांसी की सीमाएं मप्र से सटी हुई हैं। ऐसे में वहां की गाड़ियां भी झांसी में ही तेल भरा रही हैं। झांसी से गुजरने वाली मप्र की गाड़ियां यहां से फुल टैंक कराकर जाती हैं, वहीं तमाम लोग अपनी गाड़ियों में तेल डलवाने के लिए सीमा से सटे झांसी के पेट्रोल पंपों तक आते हैं।

झांसी में 125 पेट्रोल पंप हैं। इनमें से 19 पंप ऐसे हैं, जो मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों की सीमाओं से सटे हुए हैं। झांसी के इन पंपों और मध्य प्रदेश की सीमा के बीच महज तीन से आठ किमी तक का ही फासला है। इनमें से चार पंप मप्र के दतिया जिले के पास, पांच दतिया के उन्नाव कस्बे के पास, चार शिवपुरी के पास, तीन निवाड़ी और तीन पंप मप्र की टीकमगढ़ जिले की सीमाओं से सटे हुए हैं। इन पेट्रोल पंपों पर दिन भर मप्र की गाड़ियों में तेल भरवाने के लिए लोग आते हैं। इसके अलावा यहां से गुजरकर मप्र की ओर जाने वाली गाड़ियां भी यहां से ही तेल भराकर जाती हैं।



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