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महोबा में डूब क्षेत्र में आए झिर गांव की विभाग ने काटी बिजली, ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त

कबरई बांध के डूब क्षेत्र में आए झिर गांव को खाली कराने के नोटिस के बाद बिजली विभाग ने गांव की बिजली काट दी। जिससे आग बबूला ग्रामीणों ने दूसरे गंज गांव की बिजली काट दी है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों और प्रशासन के बीच गांव खाली करने को लेकर नूरा कुश्ती का दौर चल रहा है।

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बुंदेलखंड में पानी की समस्या के निस्तारण के लिए अर्जुन सहायक परियोजना का कार्य पूर्ण हो गया है। नदी जोड़ो परियोजना की तर्ज में अर्जुन सहायक परियोजना से जिले के बांधों को आपस में जोड़ा गया है। कबरई बांध में जल भंडारण की क्षमता में इजाफा के लिए बांध की ऊंचाई बढ़ाई गई है। जिससे झिर गांव डूब क्षेत्र में आ गया। इसको खाली कराने के लिए नोटिस दी गई थी। उसके बाद भी ग्रामीण गांव छोड़ने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि कुआं, मकान समेत कई चीजों का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए, जबकि उनको पहले मुआवजा दिया जा चुका है।

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गांव खाली करने का समय आने पर बिजली विभाग ने गांव की बिजली काट दी। जिसके बाद आग बबूला ग्रामीणों ने गांव के पास से निकली गंज गांव की बत्ती काट दी। जिससे गंज गांव अंधेरे में डूब गया। गंज गांव के तेज कुमार त्रिपाठी, संतराम त्रिपाठी, सत्यनारायण, हिमांशु सिंह, राणा, कमल, सोनू, अंशु, रंगनाथ द्विवेदी , दिनेश त्रिपाठी आदि ने विरोध जताते हुए बिजली काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि झिर गांव खाली करने के आदेश के बाद भी गांव में ग्रामीण डटे हैं। अब बिजली कटने पर दूसरे गांव की बिजली काटी जा रही है। अवर अभियंता अलीपुरा सब स्टेशन विजय पाण्डेय ने गंज गांव की आपूर्ति बहाल कराने की बात कही है।

स्रोत - LiveHindustan

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