केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में लखनऊ से लगी मोहनलालगंज संसदीय सीट से दूसरी बार सांसद कौशल किशोर और जालौन से पांचवी बार के सांसद भानुप्रताप वर्मा को शामिल कर अवध व बुंदेलखंड क्षेत्र की एससी आबादी को भाजपा के साथ लामबंद रखने की कोशिश की गई है।
हरजीत सिंह पुरी को तरक्की देकर रुहेलखंड से लेकर लखनऊ, कानपुर सहित कई शहरों में मौजूद सिख मतदाताओं को पार्टी के साथ और मजबूती से जोड़ने की कोशिश की गई है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चंदौली से सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के बाद लखीमपुर खीरी से दूसरी बार सांसद अजय मिश्र टेनी को भी विस्तार में जगह दी गई है।
इस प्रकार मोदी मंत्रिमंडल में प्रदेश से दो ब्राह्मण चेहरे हो गए हैं। कहा जा रहा है कि पिछले दिनों प्रदेश के ब्राह्मणों में भाजपा को लेकर नाराजगी की खबरों को देखते हुए भाजपा हाईकमान ने यह फैसला किया है ।
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महिला समीकरण: अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद प्रदेश से अब तीन महिलाएं मोदी की कैबिनेट में हो गई हैं। अनुप्रिया से पहले अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी तथा फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ही केंद्र सरकार में मंत्री थीं।
मंत्रियों के लिए भी कठिन चुनौती
जिन चेहरों को जगह मिली है उन्हें एक तरह से यह संदेश भी दे दिया गया है कि उन्हें अपनी भूमिका पर खरा उतरना होगा। अपने-अपने वर्गों के बीच पकड़ व पहुंच को साबित कर खुद की प्रासंगिकता को भी प्रमाणित करना होगा। जिस तरह प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल से कई वरिष्ठ मंत्रियों, खासतौर से बरेली सीट से कई बार के सांसद संतोष गंगवार की छुट्टी की है, उससे यह बता दिया है कि खुद को साबित करने के अलावा इन सबके सामने कोई विकल्प नहीं है। साबित न कर पाए तो नया रुतबा बरकरार नहीं रह पाएगा।
स्रोत- अमर उजाला
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