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ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्वरूप निखारते हुए होगा ग्वालियर, ओरछा नगरों का विकास

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि तेजी से विकसित हो रही ऐतिहासिक नगरों की संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करते हुए वहाँ के समावेशी एवं सुनियोजित विकास के लिए यूनेस्को की “हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप परियोजना", जिसका प्रारंभ वर्ष 2011 में किया गया था, अत्यंत महत्वपूर्ण है।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यूनेस्को द्वारा ग्वालियर एवं ओरछा नगरों को “हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप" की श्रेणी में लिया गया है। इन चयनित नगरों का यूनेस्को, भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सम्मिलित रूप से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वरूप निखारते हुए विकास किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के ग्वालियर एवं ओरछा नगरों के लिए यूनेस्को की “हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप” परियोजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, प्रमुख सचिव पर्यटन संस्कृति शिव शेखर शुक्ला आदि उपस्थित थे। नई दिल्ली से यूनेस्को के एरिक फाल्ट, जुन्ही हॉन, नेहा देवान, निशांत उपाध्याय तथा यू.एस. से रैण्ड एपिच वीडियो कान्फ्रेन्स के. माध्यम से सम्मिलित हुए।

अब भारत के 4 शहर परियोजना में शामिल

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस परियोजना में दक्षिण एशिया के 6 नगर पहले से सम्मिलित हैं, जिनमें भारत के अजमेर एवं वाराणसी शामिल हैं। ओरछा एवं ग्वालियर को 7वें एवं 8वें नगर के रूप में शामिल किया गया है। इन शहरों का डेव्हलेपमेंट एवं मैनेजमेंट प्लान यूनेस्को द्वारा बनाया जाएगा। यहाँ के इतिहास, संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन, आर्थिक विकास, सामुदायिक विकास सहित सभी पहलुओं को इसमें शामिल किया जाएगा।

प्रदेश में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यूनेस्को की इस परियोजना से मध्यप्रदेश में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। यूनेस्को द्वारा बनाई जाने वाली ओरछा एवं ग्वालियर की विकास परियोजना के अनुरूप अन्य नगरों की विकास परियोजनाएँ भी बनाई जाएंगी। पर्यटन के विकास के साथ ही रोजगार के अतिरिक्त अवसरों का भी सृजन होगा।

पर्यटन विकास की अनेक योजनाएँ

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश. में पर्यटन के विकास के लिए रिस्पोन्सिबिल टूरिज्म’, ग्रामीण पर्यटन, ’महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन’, बफर में सफर, नाइट सफारी, ‘वेलनेस एण्ड माइंडफुल टूरिज्म, युवा साहसिक पर्यटन आदि अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।

इतिहास और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखकर विकास

यूनेस्को के एरिक फाल्ट ने कहा कि परियोजना के माध्यम से ओरछा एवं ग्वालियर शहरों का इतिहास एवं सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकास किया जाएगा। साथ ही पर्यावरण एवं समुदाय के विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा।

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नगरों को विकास के चरम पर ले जाएंगे

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि यूनेस्को द्वारा दोनों शहरों के विकास के लिए बनाई जा रही योजना पर अमल करते हुए हम न केवल ओरछा एवं ग्वालियर को अपितु प्रदेश के सभी ऐतिहासिक नगरों को विकास के चरम पर ले जाएंगे। नगरों के विकास में वहाँ की संस्कृति, इतिहास, प्रकृति, परंपराओं और विरासत का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

संवहनीय विकास के 2030 के एजेंडे पर अमल

यूनेस्को भारत की जून्ही हॉन ने कहा‍कि संवहनीय विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) 2030 के एजेंडे को ध्यान में रखते हुए नगरों का विकास किया जाएगा। यूनेस्को एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की साझेदारी से ओरछा एवं ग्वालियर नगरों का उनके सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकास किया जाएगा।

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