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देव दीपावली : गंगा के दोनों किनारों पर दिखेगा स्वर्गलोक सरीखा नजारा, शाम का इंतजार


चेतसिंह किलाघाट पर खास लेजर शो, तुलसी घाट पर कंस वध की लीला, घाटों पर रंगोली,गंगा की अद्भुत महा आरती होगी, फूलों के वंदनवार से सजा दशाश्वमेघघाट

काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में गंगा किनारे अलौकिक दृश्य दिखाई देगा। उत्तर वाहिनी गंगा के 84 अर्धचंद्राकार घाटों पर 15 लाख से ज्यादा दीये एक साथ जगमगाएंगे तो देवलोक सरीखा नजारा दिखेगा। पूर्णिमा की चांदनी रात में दीयों की रौशनी से स्वर्णिम आभा के बीच गंगा की लहरों में भी दीये जलाये जायेगें। गंगा उस पार रेती में भी दीये जलाने के साथ लेजर शो का आकर्षक नजारा दिखेगा। घाटों पर श्रीकृष्ण लीला, कहीं राम लीला, कहीं अहिंसा का संदेश तो कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। चेतसिंह किला घाट पर लेजर शो, दशाश्वमेध,पंचगंगा, अस्सीघाट पर मां गंगा की महाआरती की भव्यता दिखेगी।

कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली पर शुक्रवार की शाम

पर्यटन विभाग के अफसरों के अनुसार तुलसी घाट पर कंस वध की लीला और कंस का पुतला दहन, जैन घाट पर अहिंसा परमो धर्म का संदेश देती रंगोली, प्रभु घाट पर चित्रों, चेतसिंह घाट पर लेजर शो में काशी की संस्कृति, मंदिर, घाट और काशी विश्वनाथ के दर्शन होंगे। महा निर्वाणी घाट, हरिश्चंद्र घाट, शिवाला घाट पर दीयों के जरिए शिवजी का दर्शन, दशाश्वमेध घाट पर इंडिया गेट पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित होगी। उधर, शहर के मंदिरों कुंड, सरोवर, घरों की चौखट,छतें भी रौशन होगी।

जिलाधिकारी के अनुसार गंगा घाटों पर प्रशासन की ओर से 12 लाख व तीन संस्थाओं की ओर से तीन लाख दीये जलेंगे। गंगा घाट को बीस सेक्टर में बांटकर सेक्टरवार अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। यही व्यवस्था गंगा उस पर भी रहेगी। रामनगर डोमरी में शाम साढ़े सात से रात दस बजे तक हाट एयर बैलून फेस्टिवल का आयोजन किया गया है।

ग्रामीण अंचल में भी देव दीपावली पर लोगों का उत्साह उफान पर है। गांवों के मंदिर, तालाब के किनारों को रौशनी से सजाने की तैयारियां पूरी हो गई है। बस शाम ढलने का इंतजार है। कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव घाट, गौरीशंकर महादेव घाट, चन्द्रावती घाट व गौरा उपरवार घाट पर भी तैयारियां पूरी है। संत रविदास मंदिर, संत कबीरदास की जन्मस्थली लहरतारा समेत मठ, मंदिर और आश्रम भी देव दीपावली का उल्लास मनाएंगे।

रामेश्वर तीर्थ धाम का मंदिर व वरुणा घाट भी दीपों से जगमग होगा। शूलटंकेश्वर, रामेश्वर और पंचक्रोशी के परिक्रमा पथ भी रौशन होंगे। पंचक्रोशी परिक्रमा पथ के मंदिर, कुंड, तालाब और सरोवरों के किनारे देव दीपावली की छटा बिखरेगी। इसी तरह कर्दमेश्वर, भीमचंडी, शिवपुर, कपिलधारा में भी देव दीपावली की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। चिरईगांव क्षेत्र के जाल्हूपुर स्थित कच्चा बाबा मंदिर परिसर में दीपोत्सव की तैयारी पूरी हैं। सारनाथ के मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर, सारंगनाथ महादेव मंदिर परिसर रोशनी से सराबोर होगा।

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