संयुक्त वन प्रबंधन से 30 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तैयार हुआ जंगल वन समिति ने जन-सहयोग से तैयार किये 20 हजार से अधिक वृक्ष

 पर्यावरण और जल-सरंक्षण के लिये रीवा जिले के डभौरा रेंज में जनजातीय बहुल ग्राम गेंदुरहा में संयुक्त वन समिति ने जन-सहयोग से वनों की सुरक्षा और संरक्षण का शानदार कार्य किया है। वन विभाग तथा वन समिति के लगातार प्रयासों से 20 हजार से अधिक हरे-भरे वृक्ष तैयार कर 30 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को हरा-भरा बना दिया है। कल जहाँ छोटी झाड़ियों और पत्थरों के अलावा कुछ भी नहीं था, आज वहाँ हरे-भरे वृक्ष लहरा रहे हैं।



वन समिति के अध्यक्ष बृजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि संयुक्त वन प्रबंधन की अवधारणा को गेंदुरहा में मूर्त रूप देने का प्रयास किया गया। समिति के अधिकांश सदस्य जनजाति वर्ग के हैं, जो वर्षों से आजीविका के लिए वनों पर निर्भर हैं। इन्हें प्रोत्साहित कर पौध-रोपण कराया गया। वन विभाग ने गाँव में हैण्डपंप तथा जनजातीय मोहल्ले में चबूतरे का निर्माण जैसे आस्थामूलक कार्य कर लोगों का विश्वास जीता। वन समिति ने वन विभाग के सहयोग से पूरे क्षेत्र में छोटे नालों पर कई बोल्डर चेक डैम बनाए। इनसे एक ओर मिट्टी का कटाव रूका, वहीं दूसरी ओर पेड़-पौधों और वन्य-प्राणियों के लिए पानी भी उपलब्ध हुआ।

वन समिति ने नए पौधे तैयार करने के साथ वन में मौजूद पुराने वृक्षों की देखभाल और सुरक्षा पर ध्यान दिया। महुआ संग्रहण को व्यवस्थित तथा वनों को सुरक्षित करने का प्रयास समिति द्वारा किया गया। परिवारों को महुआ के पेड़ आवंटित कर दिए गए हैं। उनकी सुरक्षा, देखभाल एवं उनसे मिलने वाले महुआ फूल पर जनजातीय परिवार का ही हक बनाए रखा गया। इससे महुआ बीनने के समय होने वाली आगजनी की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगी। वन समिति के सदस्यों की जागरूकता, आम जनता के सहयोग तथा वन विभाग की सक्रियता से वृक्षों की अवैध कटाई एवं अवैध उत्खनन पर भी पूरी तरह से रोक लगाने में सफलता मिली। गेंदुरहा वन समिति संयुक्त वन प्रबंधन का शानदार उदाहरण है।

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