बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे : केन नदी में बनने वाला लम्बा पुल पर चढ़ा गर्डर, युद्ध स्तर पर चल रहा काम

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे : केन नदी में बनने वाला लम्बा पुल पर चढ़ा गर्डर, युद्ध स्तर पर चल रहा काम

केंद्र और यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को जून के महीने तक शुरू करने का लक्ष्य लेकर कारवाई संस्थाओं ने..



केंद्र और यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को जून के महीने तक शुरू करने का लक्ष्य लेकर कारवाई संस्थाओं ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। हालांकि बांदा और चित्रकूट में एक्सप्रेस वे का काफी काम बाकी है सिर्फ इटावा की तरफ से काम लगभग पूरा होने को है लेकिन सरकार के टारगेट को लेकर बांदा और चित्रकूट में काम को तेज कर दिया गया है, जिससे लोगों को उम्मीद है कि बहुत जल्दी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में वाहन दौड़ने लगेंगे।

जहां कभी बुंदेलखंड संपर्क मार्गों के लिए तरसता था। वहीं बुंदेलखंड में 4 से 6 लेन का अत्याधुनिक बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेस वे से बुंदेलखंड के लोग 5 घंटे में सफर करके दिल्ली पहुंच जाएंगे। इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट के गोंडा गांव में रखी थी। कार्यदाई संस्था यूपीडा ने 296.07 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का काम तेजी से शुरू किया।

7 जनपदों से गुजर रहे इस एक्सप्रेस-वे को विधानसभा चुनाव से पहले पूरा कराने का योगी सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन चुनाव से पहले एक्सप्रेस वे तैयार नहीं हो पाया। क्योंकि बांदा और चित्रकूट में इसका निर्माण कार्य काफी पिछड़ा हुआ है। वैसे तो इटावा की तरफ से इसका काफी काम हो चुका है और लगभग पूरा होने को है। अब चित्रकूट बांदा में इसका बहुत काम शेष है। इस इलाके में अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए सरकार में कार्यदायी संस्था को लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। जिससे इस क्षेत्र में अब युद्ध स्तर पर काम शुरू हुआ है। इसमें सबसे बड़ा काम केन नदी में बनने वाला लम्बा पुल था जिसके पिलर एक साल पहले ही बनकर तैयार हो गए थे। इसमें गर्डर चढ़ाने का काम शेष था, यह काम भी एक सप्ताह पूर्व पूरा कर लिया गया है। 

वही दूसरी ओर बांदा से लगभग 60 किलोमीटर दूर तक सड़क में डामरीकरण और लाइटिंग का काम प्रगति पर है। कहीं-कहीं पुलियों का काम अधूरा है उसे भी युद्ध स्तर पर पूरा कराने की कोशिश की जा रही है। बताते चलें कि प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने अभी हाल में दावा किया है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का काम 91.6 फ़ीसदी पूरा हो चुका है। शेष काम मई या जून के पहले सप्ताह में पूरा करा लिया जाएगा और इसका प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराया जाएगा। उनके दावे का असर बांदा और चित्रकूट में साफ देखा जा सकता है। जहां अधूरे काम को पूरा कराने के लिए दिन रात तेजी से काम हो रहा है। मजदूरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है ।

बुंदेलखंड से दिल्ली पांच घंटे में बुंदेलखंड में 4 से 6 लेन का अत्याधुनिक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। एक्सप्रेस-वे में डिफेंस कॉरिडोर, पेट्रोल पंप, शौचालय इत्यादि की सुविधाएं रहेंगी। यह एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में शामिल जनपद - चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया, इटावा। एक्सप्रेस-वे की चौड़ाई - यह चार लेन का है, बाद में इसे छह लेन तक किया जाएगा। इसके राइट ऑफ-वे की चौड़ाई 110 मीटर है। एक्सप्रेस-वे की एक ओर 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनाई जा रही है, ताकि आसपास के गांव के लोगों को आवागमन में दिक्कत न हो।

एक्सप्रेस-वे में पड़ने वाली मुख्य नदियां-  बागेन, केन, श्यामा, चंद्रावल, बिरमा, यमुना, बेतवा, सेंगर। एक्सप्रेस-वे का ढांचा - कुल चार रेलवे ओवरब्रिज। 14 बड़े पुल। छह टोल प्लाजा। सात रैंप प्लाजा। 266 छोटे पुल। 18 फ्लाई ओवर। एक्सप्रेस-वे को छह पैकेजों में बांटा गया है। अलग-अलग कंपनियां काम कर रही हैं।


साभार- बुंदेलखंड न्यूज़

 

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