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बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा रेलवे स्टाफ, आठ दिन बाद भी समाधान नहीं

 हमीरपुर,

मौदहा कस्बा स्थित एक मात्र रगौल रेलवे स्टेशन में आठ दिन बाद भी पानी के संकट का समाधान नहीं हो सका है। ट्रेन से आने जाने वाले यात्री अपना गला भी तर नहीं कर पा रहे है। यहां तक की रेलवे स्टाफ भी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा है फिर भी विभाग की आंखें नहीं खुल रही और कार्य संपन्न कराने के लिए कभी एक तो कभी दो कर्मचारी औपचारिकता कर चले जाते हैं।



मात्र एक प्राइवेट टैंकर से यात्रियों व कर्मियों को पानी पीने की व्यवस्था स्टेशन के बाहर परिसर में की गई है। 24 मार्च से कस्बा स्थित कानपुर बांदा रेलवे लाइन का यह बड़ा आमदनी वाला रेलवे स्टेशन इस समय भीषण पेयजल किल्लत से गुजर रहा है। बढ़ते हुए तापमान के बीच जहां ठंडे पानी की आवश्यकता होती है। और बड़े बड़े रेलवे स्टेशनों में फ्रीजर लगे हुए हैं वही यहां के इस रेलवे स्टेशन में गरम पानी तक नसीब नहीं है जबकि रेलवे स्टेशन से आठ रेल गाड़ियो का आवागमन होता हैं।

सैकड़ों की संख्या में यात्री आते जाते हैं उन्हें भेजने वाले भी होते हैं ऑटो रिक्शा चालक सहित अन्य लोगो को भी इस मुसीबत से दो चार होना पड़ रहा है। फिर भी रेल विभाग पानी के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं कर रहा है। सहायक स्टेशन अधीक्षक अशोक कुमार प्रजापति ने बताया कि विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में दी गई सूचना के बाद इस कार्य के लिए जिम्मेदार जूही में बैठने वाले विभागीय अधिकारियों ने दो कर्मियों को नलकूप का मोटर ठीक करने के लिए भेजा था।

जब नया मोटर डाल दिया गया और जैसे ही उसे संचालित करने का प्रयास किया गया तो बिजली के केबल में फाल्ट होने से यह नहीं चल सका तब इससे संबंधित अधिकारी विभाग विभागीय अधिकारी को सूचित किया गया तो इस क्षेत्र में इस कार्य की जिम्मेदारी निभाने वाले जूही स्थित अधिकारियों ने एक कर्मी को केबल फॉल्ट की जांच पड़ताल के लिए भेजा उसने भी रस्म अदायगी की और वापस चला गया पानी की स्थिति जस की तस है।

जब तक केवल का फाल्ट ठीक नहीं होता तब तक इस नलकूप से पानी आना ही संभव नहीं होगा वही एक और पानी की टंकी पूरी तरह तैयार है लेकिन अभी तक विभागीय अधिकारियों ने संबंधित ठेकेदार से अपने कब्जे में नही लिया है जिससे यह भी सफेद हाथी साबित हो रहा है और पानी का संकट जस का तस बना है यात्रियों स्टेशन आने जाने वालों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है लेकिन वह लोग कर भी क्या सकते है।


साभार- बुंदेलखंड न्यूज़


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