केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मॉनिटरिंग अथॉरिटी की बैठक हुई। बैठक में केन्द्रीय रेल एवं उद्योग मंत्री सहित 6 राज्यों के मुख्यमंत्री वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जबलपुर से बैठक में वर्चुअली जुड़े।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन का ही कमाल है कि देश में 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने वाले हैं, जो राज्यों की तकदीर और तस्वीर बदलने का कार्य करेंगे। उनके विजन से दिशा मिलती है और इससे तेज गति से काम करने का प्रयास होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रेजेंटेशन में दिखाया गया है कि मध्यप्रदेश ने तेज गति से काम किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश में विकास की प्रतिबद्धता जाहिर की और कहा कि विक्रम उद्योगपुरी को 202 एकड़ जमीन अलाट कर दी गई है। इसमें 20 उद्योगपति जमीन भी ले चुके हैं और कई ने काम भी प्रारंभ कर दिए हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नवंबर में एक कंपनी प्रोडक्शन प्रारंभ कर देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 15 कंपनी के आवेदन आ चुके हैं, जिन्हें बहुत जल्द लैंड अलॉट कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उज्जैन के विक्रम उद्योगपुरी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उद्योगपतियों को कोई दिक्कत नहीं होगी। मध्यप्रदेश वैसे भी इन्वेस्टर्स फ्रेंडली स्टेट है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी औद्योगिक विकास के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं, जिससे निवेश आने की गति न रूके। उन्होंने डेलिगेशन ऑफ पावर को आश्वस्त किया कि वे तत्काल इस कार्य को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली-नागपुर कॉरिडोर के संबंध में कहा कि मध्यप्रदेश का वह क्षेत्र जहाँ से यह निकलेगा, वहाँ भारतमाला परियोजना में 330 किलोमीटर में अटल एक्सप्रेस-वे का कार्य प्रारंभ कर रहे हैं। इसके दोनों ओर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उद्योगपतियों को जमीन देने के लिए योजना भी तैयार की जा चुकी है। इसके लिए 11 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रधानमंत्री का जो विजन है उसे पूरी तत्परता के साथ समय-सीमा में विभिन्न परियोजना पर काम कर पूरा करेंगे। उन्होंने दिल्ली -नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रस्ताव को प्राथमिकता से बनाने को कहा। इससे आगरा, मुरैना, ग्वालियर, गुना, भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर में बेहतर तरीके से उद्योग लाये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कई जगह अलग-अलग क्लस्टर चिन्हित कर जमीन देने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलावा वाराणसी-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि पूर्वी मध्यप्रदेश खनिज संसाधन की दृष्टि से संपन्न है। एल्युमीनियम, कोयला और अन्य खनिज प्रचुर मात्रा में है। यदि पूर्वी मध्यप्रदेश को पश्चिम से जोड़ दिया जाए तो क्षेत्र में बेहतर रोड कनेक्टिविटी और मार्केट विकसित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में निश्चित समय-सीमा में कार्य होगा। उन्होंने कदम से कदम तथा कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने के साथ प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने को कहा।
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