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महेश्वरी देवी मंदिर में शिव भक्तों ने 91000 पार्थिव शिवलिंग का किया रुद्राभिषेक

 बांदा शहर की प्रसिद्ध महेश्वरी देवी आरती मंडल और शिव भक्तों द्वारा गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर रुद्राभिषेक किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंच कर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया और इसके बाद विधि विधान से रुद्राभिषेक किया गया। यह कार्यक्रम सुबह 7 बजे से अपराहन 2 बजे तक चला और शाम को राधा-कृष्ण शिव-पार्वती लीला का सजीव मंचन कलाकारों द्वारा किया गया।



मंदिर के प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह से महिलाओं बच्चों और पुरुषों ने श्रद्धा और उल्लास के साथ 91000 पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। इस दौरान शिव पार्वती की मूर्ति भी बनाई गई। इसके उपरांत विधि विधान से रुद्राभिषेक किया गया। इस बारे में आयोजक मंडल के दीपक अवस्थी दीपू ने बताया कि शाम को राधा-कृष्ण शिव-पार्वती लीला का सजीव मंचन किया जाएगा और अगले दिन पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन किया जाएगा।  उन्होंने बताया कि पार्थिव शिवलिंग के पूजन से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।

अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। अपार शिव कृपा की प्राप्ति होती है। सावन में शिव भक्ति विशेष महत्व रखती है। अतः श्रावण माह में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पूजा-अर्चना करना बहुत मंगलकारी माना गया है। पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में शिवलिंग पूजा के कुछ नियम-विधान भी बताए गए हैं। उन्होंने बताया कि शिवलिंग से दक्षिण दिशा में ही बैठकर पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है। शिवलिंग की पूजा व दूध से अभिषेक करने पर परिवार में कलह, मानसिक अवसाद और अनचाहे दुख व कष्टों का निवारण होता है। अभिषेक करते समय महामृत्युंजय का जाप करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।

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