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भारत में क्या बादल फटने के पीछे चीन:तेलंगाना CM के बयान से खलबली, ड्रैगन करा चुका है बिन मौसम बरसात; 8 सवालों से समझें सब कुछ

 17 जुलाई 2022: तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने कहा कि भारत में बादल फटने की घटनाओं के पीछे विदेशी ताकतों की साजिश है। पहले भी उन्होंने लेह-लद्दाख और उत्तराखंड में यही किया था।



8 जुलाई 2022: जम्मू-कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 अभी भी लापता हैं।

जुलाई-अगस्त 2008: तब चीन की राजधानी में ओलिंपिक चल रहा था। मौसम विभाग ने मैच के दिन बारिश की आशंका जाहिर की। इससे बचने के लिए चीन ने मैच के एक दिन पहले ही कृत्रिम बारिश, यानी आर्टिफिशियल रेन करवा ली थी।

1967-1972: वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका ने ऑपरेशन पोपोय चलाया था। अमेरिकी सेना ने वियतनाम में क्लाउड सीडिंग के जरिए अपनी मर्जी से बारिश कराते हुए दुश्मन सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था।

इधर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बयान पर भारत में नई बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया में एक तबका इसका मजाक उड़ा रहा है, तो वहीं एक तबका ऐसा भी है, जो इसे गंभीर मानकर इस पर चर्चा कर रहा है।

भास्कर एक्सप्लेनर में जानते हैं कि क्यों भारत में बादल फटने को लेकर उठे चीन पर सवाल? आर्टिफिशियल रेन क्या होती है, आखिर बिना मौसम के कैसे कराई जाती है बारिश?

सवाल 1: सबसे पहले जानते हैं कि केसीआर ने क्यों बारिश को लेकर विदेशी साजिश की बात कही?

भारी बारिश की वजह से तेलंगाना का गोदावरी इलाका इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, यानी केसीआर 17 जुलाई को बाढ़ प्रभावित भद्राचलम के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने गोदावरी इलाके में हाल के दिनों में हुई बादल फटने की घटनाओं के पीछे विदेशी साजिश की आशंका जताई। राव ने कहा कि इसकी वजह से ही गोदावरी नदी में भारी बाढ़ आई।

राव ने कहा, 'ये एक नई घटना है, जिसे बादल फटना कहते हैं। लोग कहते हैं कि इसमें कुछ साजिश है, हम नहीं जानते कि ये कितना सच है, कहा जाता है कि विदेशी जानबूझकर हमारे देश में कुछ जगहों पर बादल फटने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। लेह-लद्दाख और उत्तराखंड में भी पहले वे ऐसा कर चुके हैं।

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