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ललितपुर: अंधेरे में कटती है रात, 50 परिवारों को सात साल से बिजली का इंतजार

 पाली(ललितपुर)। सरकार हर गांव और हर घर को रोशन करने का दावा कर रही है, लेकिन जिले के विकास खंड बिरधा के गांव महौली के लोग आज भी लालटेन की रोशनी में रात गुजारने को मजबूर हैं। जंगल किनारे बसे इस गांव की एक बस्ती में करीब 50 परिवारों काे उम्मीद थी कि उनके यहां भी कभी बल्व जलेगा, लेकिन कुछ नहीं हो सका। उन्हाेंने क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ से बस्ती में विद्युतीकरण कराने की मांग की है।



जंगल की सीमा से सटी ग्राम महौली की नई बस्ती में लोग करीब सात साल पहले कच्चे पक्के मकान बनाकर रहने लगे थे। उम्मीद थी कि जल्द विद्युत लाइन डाल दी जाएगी। जिससे उन्हें कनेक्शन मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ग्रामीणों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि से भी बिजली लाइन डलवाने की मांग की कुछ नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने बताया कि करीब 50 से अधिक परिवारों को आज भी लालटेन अथवा दिया जलाकर उजाला करना पड़ता है। लाइट न होने से बच्चे भी रात में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि मिट्टी का तेल न मिलने के कारण 90 रुपये लीटर डीजल खरीदकर लालटेन जलाते हैं। पैसे नहीं होने से लालटेन के लिए डीजल नहीं ले पाते हैं। जिससे जंगल के किनारे अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर होना पड़ता है।

हम सात साल से नई बस्ती में निवास कर रहे हैं। यहां बिजली नहीं है। जिससे अंधेरे में रहना पड़ रहा है। अधिकारी इस ओर ध्यान दें। - बल्ली बिजली की लाइन न होने से अब तक कनेक्शन नहीं ले पाए हैं। इसके कारण शाम होते ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। - वीरेश सहरिया

नई बस्ती में मकान बनाते समय बताया गया था कि जल्द ही बिजली लाइन यहां तक आ जाएगी, लेकिन अभी तक लाइन नहीं डाली गई है। - प्रभा

लाइट न होने पर रात के अंधेरे में जंगल के किनारे छोटे छोटे बच्चों के साथ रहने को मजबूर हैं। हरपल जहरीले कीड़ों का डर बना रहता है। - कुसुम

नई बस्ती में करीब सात साल से 50 परिवारों के करीब 300 लोग निवास कर रहे हैं। जिनके लिए नई बस्ती में बिजली की व्यवस्था करवाने के लिए प्रशासन को अवगत कराया है।

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