यूपी में बांदा जिले के पैलानी और जसपुरा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में नीलगायों का आतंक है। झुंड के झुंड निकलते हैं और जिस खेत में घुस जाते हैं। उस खेत की पूरी फसल नष्ट कर देते हैं, जिससे किसान तबाह हो जाते हैं। इसी तरह की घटना से दुखी एक किसान ने आत्महत्या कर ली।
बांदा: बुंदेलखंड में कर्ज और मर्ज से परेशान किसान जहां आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं। वहीं पशु और नीलगाय भी किसानों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। ताजा मामला यूपी के जनपद बांदा का है। जहां नील गायों ने खेत में खड़ी फसल नष्ट कर दिया, जिससे दुखी होकर एक युवा किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। जिले के जसपुरा थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी कुलदीप सिंह (25) ने 3 बीघा जमीन में फसल बोई थी। गुरुवार को वह अपने खेत में गया था। उसके खेत में खड़ी डेढ़ बीघे की फसल को नीलगाय चट कर गई थी। यह देख कर वह सिर पकड़ कर खेत में ही बैठ गया। कुछ देर बाद वह घर वापस लौट आया।
मृतक के चाचा राजेंद्र सिंह ने बताया कि 13 साल पहले उसके पिता सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई थी। पिता की 3 बीघा जमीन में कुलदीप फसल बोकर और बाहर मजदूरी करके परिवार का गुजर-बसर करता था। खेत की फसल नष्ट हो जाने से वह दुखी था। गुरुवार को देर शाम वह घर से निकलकर पशु बाड़े में पहुंचा, जहां मफलर के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी। जब काफी देर तक वह पशु बाड़े से बाहर नहीं आया, तब परिजनों ने जाकर देखा तो वह फांसी पर लटका हुआ था।
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