Banner

अरे.. ये क्या ? उमा भारती ने मधुशाला को बना डाला गौशाला

 दूसरे दिन भी उमाभारती अपनी ही सरकार के खिलाफ ओरछा के विवेकानंद तिराहे पर स्थित शराब की दुकान के पास अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठी रहीं। शराब की दुकान पर ताला पड़ा हुआ है, जबकि दुकान के सामने छह खूंटे गाड़कर गाये बांध दी गई हैं तथा उन्हें चारा पानी दिया जा रहा है। इस तरह उमा ने मधुशाला को गऊ शाला में तब्दील कर दिया है। रात में धरने पर बैठने के बाद उमा भारती दूसरे दिन सुबह से देर रात तक शराब की दुकान के सामने गायें बंधी हुईं थीं तथा बंद दुकान के बगल में समर्थकों के साथ धरने पर बैठी रहीं।



धरना स्थल पर उमा ने कहा कि शराब नीति से कमाकर जो सरकार चलती है वह ऐसी मां है जो बच्चों का खून पीकर जिंदा रहती है। शराब की दुकान के बाहर उमा भारती ने गायों को खूंटे से बांधकर शराब नहीं दूध पीयो, गो पालन करो का नारा दिया। उन्होंने कहा धार्मिक नगरी में राजस्व के चक्कर में रामराजा सरकार के दरवाजे पर ही शराब की दुकान खोल दी गई, जबकि दुकान का आवंटन एक गांव के नाम से किया गया है। 

मीडिया से चर्चा में उमा भारती ने कहा कि हमने सोचा नहीं था कि हमारी सरकार में शराब की समस्या आ जाएगी। हम दिल्ली और छत्तीसगढ़ में इसका विरोध कर रहे थे। उससे बुरी हालत हमने यहां कर दी, कोई मान मर्यादा नहीं रखी। ओरछा की शराब दुकान का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि इस दुकान की मर्यादा तो रोड से 50 मीटर की भी नहीं है। भोपाल के करोंद चौराहे की शराब दुकान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही बाउंड्रीवॉल से लगा लड़कियों का स्कूल था और उसी से लगी शराब की दुकान थी। शराब दुकान को राजस्व के लिए टारगेट दे दिया जाता है क्योंकि हमें सबसे आसान शराब लग रही है। उमा भारती ने कहा कि ज्यादा राजस्व के लिए दुकान वालों को मनमाफिक जगह पर दुकान का आवंटन कर दिया गया। आबकारी अधिकारी ने यह नहीं सोचा कि रामराजा सरकार के दरवाजे पर दुकान खोल रहे है, क्या जरूरत है ऐसे राजस्व की। यहां लोगों को गंगाजल बांटना चाहिए, गाय का दूध और छाछ पिलाना चाहिए, आप यहां शराब पिला रहे हो तो फिर किस बात की राम की भक्ति है। भारतीय जनता पार्टी राम भक्ति से दूर हो रही है, इस सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा कि यह तो आप वीडी शर्मा से पूछना, इस सवाल का हम जवाब नहीं देंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ