प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज संस्था के प्रभु समर्पण सम्मान समारोह का रविवार को भव्य आयोजन हुआ। जिसमें बहन निकेता की भगवान शिव के साथ विवाह की सभी रस्में विधिवत निभाईं गईं। सुबह 10 बजे संस्था के बड़ा बाजार स्थित ओमशांति भवन पर आकर्षक साज सज्जा की गई। जहां बहन निकेता की मेहंदी, हल्दी और भात की रस्म हुई। जिसमें काफी संख्या में मौजूद महिलाओं ने गीत संगीत के बीच इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की। दोपहर दो बजे टाउनहाल से शिव बारात का आयोजन हुआ। जिसमें दूल्हे के रूप में शिवलिंग को पगड़ी बांधकर बग्गी पर विराजमान कराया गया। साथ ही बहन निकेता सोलह शृंगार में दुल्हन के रूप में मौजूद रहीं।
शहर में जगह-जगह हुआ बारात का स्वागत
बारात में शामिल गणमान्यजन आकर्षक गुलाबी रंग की साफानुमा पगड़ी पहने चल रहे थे। बारात नगर के मुख्य मार्गों से गुजरी। जहां मौजूद शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर जगह-जगह बारात का स्वागत किया। इस दौरान शहर के लोगों ने दूल्हा बने भगवान शिव की आरती कर उन्हें तिलक किया। शाम को बारात सिविल लाइन स्थित हेरीटेज गार्डन पहुंची। जहां बारात का विधिवत स्वागत हुआ। इसके साथ ही बारात के साथ आए शिवलिंग को स्टेज पर विराजमान कराया गया।
निकेता ने शिवलिंग को पहनाई वरमाला
बारात पहुंचने के बाद प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रमुख दीपा बहन की मौजूदगी में बहन निकेता ने विधिविधान से शिवलिंग को वरमाला पहनाई। साथ ही अपना जीवन परमात्मा के लिए समर्पित करने का वचन लिया। इससे पूर्व निकेता को दुल्हन के शृंगार में एक वधू की तरह फूलों की चादर के बीच स्टेज तक लाया गया। जहां वरमाला की रस्म निभाई गई।
भक्त और भगवान के मिलन की परंपरा
भक्त और भगवान का हुआ मिलनप्रभु समर्पण सम्मान समारोह के इस आयोजन के साथ ही भक्त और भगवान के मिलन की परंपरा निभाई गई। इसके बाद बहन निकेता का जीवन परमात्मा की भक्ति और जगतसेवा में अर्पित रहेगा। इस आयोजन में बुंदेलखंड, माउंटआबू, ग्वालियर सहित आसपास से काफी संख्या में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज संस्था के सदस्य पदाधिकारीगण शामिल होने दतिया पहुंचे। विवाह स्थल परसांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही तमाम सामाजिक संगठनों ने निकेता को जगत सेवा के लिए सम्मानित कर प्रशस्ति भेंट किए।
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