बांदा, रेलवे बोर्ड की पुनर्विकास योजना में बांदा और चित्रकूट का रेलवे स्टेशन शामिल किया गया है। योजना के तहत रेलवे स्टेशन को 2060 की अनुमानित भीड़ के हिसाब से बनाया जा रहा है। 1500 करोड़ से विभिन्न निर्माण कार्य कराए जाएंगे। बांदा रेलवे स्टेशन में दिव्यांगों, वृद्धों व असहाय यात्रियों के लिए रैंप व लिफ्ट बनाने का कार्य शुरू हो गया है।
रेलवे बोर्ड ने पहले चरण में पुनर्विकास योजना में ग्वालियर और कानपुर के रेलवे स्टेशनों को शामिल किया था। इसके बाद अब और 15 रेलवे स्टेशनों को इस योजना में शामिल किया है। इनमें बुंदेलखंड के जिलों में बांदा और चित्रकूट का रेलवे स्टेशन भी शामिल है। विभाग के स्थानीय अफसरों के अनुसार स्टेशनों का पुनर्विकास योजना के तहत मास्टर प्लान तैयार कर काम शुरू किया जा रहा है। स्टेशनों पर होने वाले कार्यों का मास्टर प्लान 2060 की अनुमानित भीड़ के हिसाब से बनाया जा रहा है। योजना के तहत काम पूरे होने पर बांदा के रेलवे स्टेशन से रोजाना यात्रा करने वाले करीब 20 हजार यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा होगा। योजना के तहत स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा, रिटनिंग रूम, एसी वेटिंग रूम, पार्किंग, दिव्यांग फ्रेंडली भवन, सोलर पैनल सिस्टम, खंभों और दीवारों का सौंदर्यीकरण, सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, चित्रण, फर्नीचर, आधुनिक शौचालय, रिटेल एंड केफेटेरिया की क्लबिंग, सहित ग्रीन इनर्जी आधारित सुविधाएं बढ़ेंगी।
इस बारे में जन संपर्क अधिकारी, झांसी जोन मनोज कुमार, का कहना है कि उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों को पुनर्विकास योजना में शामिल किया गया है। पहले सिर्फ ग्वालियर व कानपुर शामिल थे। अब झांसी मंडल के बांदा, चित्रकूट सहित अन्य स्टेशन शामिल है। यहां 1500 करोड़ रुपये से विकास कार्य होंगे। मास्टर प्लान पर काम शुरू हो गया है।
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