छतरपुर. एक शख्स जिसने अपने पिता से 7 माह पहले एक वादा किया था कि वह पैदल यात्रा कर अयोध्या में भगवान श्री राम के दर्शन करेगा, लेकिन पिता की मौत ने उसे अंदर से तोड़ दिया. अब वह पिता से किए हुए वादे को पूरा करने के लिए निकल पड़ा है. शख्स ने ना चिलचिलाती धूप देखी, ना 40 डिग्री का तापमान और लगभग साढ़े पांच सौ किलोमीटर का सफर पैदल तय करके अयोध्या की ओर चल पड़ा है. हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के सागर जिला के सनोधा गांव के निवासी मुरलीधर चढ़ार की, जो अपने स्वर्गीय पिता से किए हुए वादे को निभाने के लिए अयोध्या के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं.
दरअसल, सानौधा गांव के मुरलीधर चढ़ार पेशे से मजदूर हैं. वह बताते हैं कि उन्होंने 35 साल की आयु से ही धर्म स्थलों तक पैदल चलकर दर्शन करने का संकल्प लिया था और वह अब बुंदेलखंड के लगभग सभी धर्म स्थलों के दर्शन पैदल चलकर कर रहे हैं. वह अभी तक अबार माता, अच्छनू माता, पृथ्वीपुर, ओरछा के कई धार्मिक स्थलों की पैदल चलकर यात्रा कर चुके हैं.
मुरलीधर के परिवार में दो बच्चे हैं और स्वयं उनकी उम्र 50 वर्ष है. मुरलीधर ने 7 माह पहले अपने पिता से अयोध्या तक पैदल चलकर भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए जाने का वादा किया था. फिर उनके पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन अब अपने पिता से किया हुआ वादा और प्रभु श्री राम के प्रति लगन के लिए 7 माह बाद सागर से अयोध्या तक पैदल जा रहे हैं. इस यात्रा के दौरान जब मुरलीधर छतरपुर पहुंचे तो उन्होंने चर्चा करते हुए बताया कि वह 1 दिन में लगभग 60 किलोमीटर का सफर तय करते हैं और दिन में एक ही बार भोजन करते हैं
उनका कहना है कि कभी खुद के लिए खाना बनाते हैं, तो कभी किसी ने खिला दिया. वह पीठ पर लगभग 15 किलो वजन का बैग, हाथ में झंडा लिए आगे बढ़ते जा रहे हैं. इस अलौकिक आनंद की प्राप्ति सनातन परंपरा में मिलती है. सागर से अयोध्या की दूरी लगभग साढ़े पांच सौ किलोमीटर है और यह पूरी दूरी मुरलीधर पैदल चलकर तय करेंगे. वो कहते हैं कि श्री राम की धुन में उन्हें पैदल चलने में आनंद की अनुभूति होती है.
Source - News18
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