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झांसी लखनऊ पैसेंजर 7 दिन के लिए क्यों हुई निरस्त?

लखनऊ के पास पिपरसंड स्टेशन पर हो रहे ट्रैक मेंटीनेंस के काम के चलते झांसी लखनऊ पैसेंजर को पांच जुलाई तक के लिए निरस्त कर दिया गया है। इसका असर यात्रियों पर पड़ना शुरु हो गया है। यात्रियों को दूसरी ट्रेन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है या फिर बसों का सहारा लेना पड़ रहा है।


                                  


बता दें कि पिपरसंड के पास ट्रैक मेंटीनेंस के काम के चलते झांसी लखनऊ पैसेंजर (01823-24) को 29 जून से पांच जुलाई तक के लिए निरस्त किया गया है। जबकि झांसी से लखनऊ जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस (11109-10) को अप और डाउन में तीन जुलाई से पांच जुलाई तक निरस्त किया गया है। इसके अलावा गोरखपुर से मुंबई जाने वाली अंत्योदय एक्सप्रेस (12597), मुंबई से प्रतापगढ़ जाने वाली उद्योगनगरी (12173) को चार जुलाई को परिवर्तित मार्ग से चलाई जाएगी।

जबकि पनवेल से गोरखपुर जाने वाली ट्रेन नंबर 15066 को 30 जून से चार जुलाई तक चार घंटा रोककर चलाई जाएगी। जबकि राप्तीसागर को तीस जुलाई को ढाई घंटे रोककर चलाया जाएगा। बरौनी से ग्वालियर जाने वाली छपरा मेल को भी 20 मिनट बाराबंकी स्टेशन पर रोककर चलाया जाएगा। इसी राप्तीसागर, पुणे एक्सप्रेस भी रोककर चलाया जाएगा।

ट्रेनों के निरस्तीकरण और लेटलतीफी का असर यात्रियों को पड़ेगा। झांसी से लखनऊ जाने वाली पैसेंजर झांसी से सुबह 4.10 बजे चलती है और उरई सुबह 6.10 बजे पहुंचती है। जबकि लखनऊ 11.40 पहुंचने का समय है। इसी तरह पैसेंजर लखनऊ से शाम 4.25 बजे चलती है। जो उरई रात 9.21 बजे पहुंचती है। जबकि झांसी 12.25 बजे पहुंचने का समय है। इस ट्रेन में बहुत कम किराये में यात्री झांसी से लखनऊ तक का सफर कर लेते है। इस ट्रेन के हफ्ते भर निरस्त होने से यात्रियों को खासी दिक्कत होगी। इस ट्रेन से रोजाना सौ से ज्यादा यात्री सफर करते हैं।

हफ्ते भर होगी परेशानी 

राजेंद्रनगर निवासी संजय गुप्ता दवा कारोबारी है। उनका कहना है कि वह रोजाना कानपुर अपडाउन करते है। वह सुबह इंटरसिटी से कानपुर जाते है। जबकि वापसी इसी पैसेंजर से करते हैं। पैसेंजर हफ्ते भर निरस्त होने से खासी परेशानी होगी। दूसरी ट्रेन के काफी इंतजार करना होगा या फिर बस का सहारा लेना होगा।

बसों का किराया बहुत ज्यादा

पाठकपुरा निवासी शैलेंद्र का कहना है कि आए दिन लखनऊ पीजीआई जाना पड़ता है। लखनऊ से वापसी इसी पैसेंजर से करते हैं। क्योंकि पुष्पक जैसी ट्रेन में जगह नहीं मिलती है। शाम के वक्त यही ट्रेन है, जो समय से लखनऊ से चलकर उरई समय से कम पैसे में पहुंचा देती है। बसों में बहुत किराया लगता है।

पिपरसंड स्टेशन पर काम के चलते ट्रेनों को निरस्त और डायवर्ट किया गया है। कुछ ट्रेनें रोककर भी चलाई जाएगी। हालांकि काम पूरा होते ही यात्रियों को ज्यादा सहूलियत मिलेगी।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, झांसी मंडल

लखनऊ के लिए रोजाना 9 बसें जाती है। जबकि झांसी के लिए 18 से 20 बसें जाती है। सभी बसें टाइम टेबल के मुताबिक चलाई जाती है।

Source:Amar Ujala 

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