Banner

कौन है बांदा के तुलसीराम?

पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने मन की बात में बांदा के लुकतरा गांव के प्रधान तुलसीराम के नाम के साथ बुंदेलखंड में उनके पानी बचाने के मंत्र का ज‍िक्र क‍िया। पीएम मोदी ने बताया क‍ि तुलसीराम ने सामुदायिक सहयोग से 40 तालाब खोदवाए हैं। ज‍िससे जलस्तर में वृद्धि हुई है।


                      


बुंदेलखंड में पानी बचाने का मंत्र लिखने वाले बांदा जिले का नाम एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया। तीन वर्षों के अंदर 40 तालाब खोदवाने वाले लुकतरा प्रधान तुलसीराम के प्रयासों की सराहना की। खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में का मंत्र देने का परिणाम यह रहा कि गांव का जलस्तर बढ़ गया।

प्रधानमंत्री मोदी इसके पहले भी जिले में जल संरक्षण को लेकर किए गए प्रयासों की पहले भी चार बार चर्चा कर चुके हैं और यहां के जखनी ग्राम के जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय पद्मश्री से सम्मानित हो चुके हैं। बुंदेलखंड के जल संरक्षण जल संकट को दूर करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। बांदा के सामुदायिक, सरकारी और गैर सरकारी परंपरागत जल संरक्षण के विषय को उन्होंने अपने मन की बात में और टि्वटर संवाद के माध्यम से प्राथमिकता में रखा है।

चौथी बार रविवार को उन्होंने लुकतरा गांव के प्रधान तुलसीराम यादव के सामुदायिक प्रयासों की सराहना की। लुकतरा गांव के प्रधान तुलसीराम ने बताया कि उन्होंने तीन वर्षों के अंदर 40 तालाब खोदवाए। यह ध्यान में रखा कि ढलान ऐसी हो कि वर्षा के साथ ही गांव का पानी तालाब तक पहुंच जाए। इस काम में गांव के लोगों को प्रेरित किया और तालाब खोदाई में श्रमदान भी किया गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बांदा और बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी को लेकर कितनी कठिनाइयां रही हैं, इस चुनौती से पार पाने के लिए लुकतरा प्रधान तुलसीराम ने गांव के लोगों को साथ लेकर इलाके में 40 से ज्यादा तालाब बनवाए हैं। तुलसीरामजी ने अपनी मुहिम का आधार खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में को आधार बनाया। आज उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि उनके गांव में भू-जल स्तर सुधर रहा है।

साभार : दैनिक जागरण

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ