बुंदेलखंड (Bundelkhand) के टीकमगढ़ जिले में जगह जगह दूध डेयरियां खुल गई है। मुनाफे के चक्कर में मिलावट आम बात हो गई है। यह गोरख धंधा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न करने के कारण और फ ल फ ूल रहा है। दूध में मिलावट की पड़ताल पत्रिका की टीम ने दूध वाला बनकर करमौरा, बम्हौरीकलां, बड़ागांव धसान, जतारा के साथ अन्य स्थानों पर किया है।
टीकमगढ़. बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में जगह जगह दूध डेयरियां खुल गई है। मुनाफे के चक्कर में मिलावट आम बात हो गई है। यह गोरख धंधा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न करने के कारण और फ ल फ ूल रहा है। दूध में मिलावट की पड़ताल पत्रिका की टीम ने दूध वाला बनकर करमौरा, बम्हौरीकलां, बड़ागांव धसान, जतारा के साथ अन्य स्थानों पर किया है। कई स्थानों पर मिलावट करते संचालक कैमरे में कैद हुए। कैमरा देख संचालक ने काम तत्काल रोका और दूध व्यापारी सजग हो गए और दूध को वापस अपनी कैन में रखने लगे। मिलावट के बारे में पूछने पर सभी मौन साध गए।
टीकमगढ़, बड़ागांव धसान, बुडेरा, बल्देवगढ़, खरगापुर, पलेरा, जतारा, लिधौरा, करमौरा, जरूआ, सतगुवां, दिगौड़ा, मोहनगढ़, कुण्डेश्वर का दूध ग्वालियर, कानपुर, जबलपुर, छतरपुर, आगरा, भोपाल के साथ अन्य महानगरों की ओर सप्लाई होती है। जिसमें मिलावट का कार्य खुले आम किया जाता है। जिसकी सामग्री भी उसी के आसपास रखी रहती है। दूध केंद्रों और दूध व्यापारियों द्वारा मिलावट का कार्य भी किया जा रहा है। जिसकी फोटो कैमरे में कैद हो गई है। मामले में मिलावट ना करने की बात की तो जबाव में मुनाफ खत्म होने की बात कही गई है। इसके साथ ही जबाव में खर्चे को पूरा करने के लिए ही मिलावट का रास्ता अपनाना पड़ता है। यह बात ग्रामीण क्षेत्र से आए दूध व्यापारियों ने कही है।
पहला स्टिंग, मिला रहे थे केमिकल
पलेरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बम्हौरीकलां में दूध डेयरी संचालित है। दूध डेयररी पर सुबह ८ बजे देखा तो ग्रामीण क्षेत्र से आए दूध व्यापारी डेयरी पर दूध बेचने के लिए लाइनों में खड़े थे। संचालक दूध की क्रीम और मलाई निकालने में मशीन का उपयोग कर रहे थे। बचे दूध में केमिकल मिलाकर दूध बना रहे थे। उसके बाद उसे दूध के बड़े टेंकर में डाल रहे थे। उसके बाद उस दूध को कानपुर और छतरपुर भेजा रहा था। दूध व्यापारी और दूध डेयरी के दाम भी अलग-अलग मिले।दूधवाला बनकर किया स्टिंंग
सहकारी दूध डेयरियों के साथ निजी कंपनियों की डेयरियां संचालित हो रही है। करीब तीन दिनों से दूध वाला बनकर डेयारियों के हालातों को देखा। सभी संस्थानों पर दाम अलग-अलग मिले। पानी मिक्स के दाम और ऑरिजनल दूध के अलग-अलग मिले। उसमें भी फैट के आधार पर दाम दिए गए। कई जगह तो दूध की मलाई निकालकर केमिकल मिलाकर दूध को बाहर भेजा जा रहा है।
नहीं रोक पा रहे मिलावट
ग्रामीण क्षेत्र के दूध व्यापारी दशरथ प्रसाद, घनश्याम दास, भगवानदास, सुरेंद्र कुमार, कैलाश, पर्वत ने बताया कि दूध की डेयरियां ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक संख्या में खोली गई है। दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए मिलावट भी अधिक की जा रही है। खुले आम पानी के साथ अन्य केमिकल मिलाए जा रहे है। उन्हें अधिकारियों का डर भी नहीं है। वहीं दूध बेचने वाले रमेश यादव, पप्पू यादव, गोविंद यादव, धनीराम घोष ने बताया कि डेयरी संचालित होने से पशुपालन को बढ़ावा मिला है, दूध वालों को उसकी अच्छी कीमत फैट के हिसाब से मिलती है। फैट की मात्रा बढ़ाने के लिए कैमिकल का उपयोग किया जा रहा है।इनका कहना
यह गंभीर मामला है। इसे प्राथमिकता से दिखवाते है। अभी कलक्टर की प्रेस कॉन्फेंस में बैठा हूं।लोकेंद्र सिंह सरल, एसडीएम जतारा।
जिले की दूध डेयरियों की जांच शुरू कर दी है। शिकायतों पर कुछ डेयरियों के सेंपल भी ले लिए है। अभी जबलपुर में हूं। आकर सभी डेयरियों की जांच की जाएगी। अनियमितताएं पाई जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
मनीष जैन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी टीकमगढ़।
सहकारी दूध डेयरियों के साथ निजी कंपनियों की डेयरियां संचालित हो रही है। करीब तीन दिनों से दूध वाला बनकर डेयारियों के हालातों को देखा। सभी संस्थानों पर दाम अलग-अलग मिले। पानी मिक्स के दाम और ऑरिजनल दूध के अलग-अलग मिले। उसमें भी फैट के आधार पर दाम दिए गए। कई जगह तो दूध की मलाई निकालकर केमिकल मिलाकर दूध को बाहर भेजा जा रहा है।
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