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MP Election 2023: सागर सीट पर भाजपा की मजबूत दावेदारी

MP चुनाव 2023: सागर सीट पर भाजपा का मजबूत किला

Bundelkhand News



इस सीट पर 1957 से 1980 के मध्य में 1967 में जनसंघ का कब्जा रहा, शेष समय यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही। 1985 से पिछले 38 वर्ष से लगातार भाजपा के गोपाल भार्गव इस सीट पर विजयी होते रहे हैं।

बुंदेलखंड (Bundelkhand) के सागर जिले का रहली विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ है। यहां के विधायक और वर्तमान में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव पिछले आठ विधानसभा चुनाव से लगातार विजयी होते आ रहे हैं। यह उनका अभेद्य किला है, जिसे कांग्रेस 1985 के बाद से भेद नहीं पाई है।

इस सीट पर 1957 से 1980 के मध्य में 1967 में जनसंघ का कब्जा रहा, शेष समय यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही। 1985 से पिछले 38 वर्ष से लगातार गोपाल भार्गव इस सीट पर विजयी होते रहे हैं। वे मौजूदा विधानसभा में सबसे ज्यादा अनुभवी और लगातार आठ बार सदन में निर्वाचित होने वाले एकमात्र विधायक हैं।

गुरु के आदेश पर नौंवी बार लड़ेंगे चुनाव

रहली में स्थित प्रसिद्ध देवी धाम मंदिर टिकिटोरिया में रोपवे के भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने गुरु के आदेश का हवाला देकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा की जब गुरु का आदेश आया तो यह बात ईश्वर की ओर से आई है। जाहिर है यदि गोपाल भार्गव इस बार चुनाव में विजयी होते हैं तो वे रहली से सर्वाधिक नौ बार सदन में पहुंचने वाले विधायक बन जाएंगे।

बड़े पद की आस में है भार्गव

गोपाल भार्गव ने इशारों ही इशारों में कहा कि इस बार चुनाव में कोई मुख्यमंत्री चेहरा नहीं है। भार्गव ने कहा कि मुझे नगर पालिका अध्यक्ष, विधायक और मुख्यमंत्री के पद के समकक्ष नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। विधानसभा में अपनी लंबी पारी और वरिष्ठता के साथ विभिन्न पदों का उल्लेख कर भार्गव ने अपनी महत्वाकांक्षा से अवगत कराया। जाहिर है श्री भार्गव के मन में अब बड़े पद की आस है।

रहली से वर्ष 1985 से गोपाल भार्गव के विरुद्ध कांग्रेस के जीवन पटेल को दो बार चुनाव में उतारा शेष चुनावों में अलग उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया पर रहली भाजपा का मजूबत किला रहा। देखना है इस चुनाव में क्या कांग्रेस भाजपा के इस अभेद किले को भेद पाएगी?

रहली की रोचक जानकारी

  • वर्ष 1985 में पहली बार कांग्रेस के महादेवप्रसाद को पराजित का गोपाल भार्गव चुने गए थे।
  • वर्ष 2013 में रहली से भार्गव की कांग्रेस के बृजबिहारी पटेरिया को 51,765 मतों से हराया था। यह उनकी उस वक्त तक की सर्वाधिक मतों से जीत थी।
  • वर्ष 1998 में भार्गव ने कांग्रेस के जीवन पटेल को 8205 मतों से हराया था। यह उनकी सबसे कम मतों से जीत थी।
  • 1957 के बाद से रहली में अभी तक का सर्वाधिक मतदान वर्ष 2018 में 76.61 प्रतिशत हुआ था।
  • सबसे कम मतदान 1957 में 41.63 में हुआ था।
  • भार्गव के अलावा कांग्रेस के मणि भाई जबेर भाई हैं, जो 1957 और 1962 में रहली से विधायक चुने गए थे।

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